बीएसपी ने कुछ मांग मानी, कुछ टाली, सेक्टर 9 हॉस्पिटल नहीं बिकेगा, मैत्रीबाग राज्य सरकार को
विधायक देवेंद्र ने कहा, भिलाई के आमजन के प्यार से ही ये हो पाया
रमेश गुप्ता
भिलाई। विधायक देवेंद्र यादव का उपवास पांचवें दिन रात 9 बजे तक जारी रहेगा। इसके बाद अनशन समाप्त करने की घोषणा कर दी गई है। बीएसपी प्रबंधन और जिला प्रशासन की ओर से उपवास को समाप्त कराने की कोशिश की गई। भिलाई निवास में कार्यवाहक डीआइसी ईडी एचआर पवन कुमार, एसडीएम पिसदा के साथ विधायक देवेंद्र यादव, पूर्व विधायक अरुण वोरा,महापौर नीरज पाल,राजेंद्र परगनिहा, प्रदीप दास , सीजू एंथोनी, पूर्व महापौर नीता लोधी की मीटिंग हुई।

मीटिंग खत्म होने के विधायक देवेंद्र यादव ने एआईसीसी के वरिष्ठ नेताओं और पीसीसी के वरिष्ठ नेताओं से फोन पर बातचीत की। उनके मार्गदर्शन पर आगे की रणनीति तय की गई। पांच दिन बाद विधायक की बातों को बीएसपी प्रबंधन ने सुना है। करीब दो घंटे तक मीटिंग हुई। खास बात यह रही कि मीटिंग में विधायक ने पानी तक नहीं पीया। विधायक लौटने के बाद मंच पर बोले-आप सबसे बोल कर गया था कि मैं बीएसपी का पानी नहीं पिऊगा। इसलिए यहां आकर पानी पी रहा हूं।
जानिए विधायक देवेंद्र यादव ने मंच से क्या जानकारी दी….
सेक्टर 9 हॉस्पिटल नहीं बिकेगा। किसी को लीज पर नहीं दिया जाएगा। सेक्टर 9 हॉस्पिटल के जो यूनिट नहीं चल रहे हैं, बाहरी सुविधा ले रहे हैं, ताकि रेफर की नौबत न आने पाए। सेक्टर 9 हॉस्पिटल हमारा है और आखिर तक रहेगा। किसी बाहरी को आने नहीं देंगे। किसी को लीज पर नहीं देंगे। बीएसपी स्कूलों पर कहा-किसी संस्था को देंगे। विधायक ने कहा-राज्य सरकार को बगैर शामिल किए आप इस पर आगे बढ़ेंगे तो हम सहमत नहीं होंगे। प्रबंधन बोलता रहा, आप सहमत हो जाइए। विधायक ने कहा-बीएसपी कर्मचारियों को जो सुविधाएं मिलती है, वह आगे जारी रहे। इस पर विधायक ने सहमति नहीं दी है।
मैत्रीबाग किसी प्राइवेट संस्था को नहीं दिया जाएगा। यह बीएसपी का है, बीएसपी के पास ही रहेगा। छत्तीसगढ़ की सरकार लेना चाहेगी तो देंगे। विधायक ने कहा-सीजी सरकार हम लोगों की है, यह स्वीकार है। रिटेंशन स्कीम पर विधायक ने कहा-एक भी परिवार यहां से नहीं हटेगा। बीएसपी से रिटायर्ड हैं, उनका मकान मिलना चाहिए। जो लोग रह रहे हैं, पुरानी दरों को लागू करेंगे तो समर्थन करेंगे। इस पर कोई बात नहीं बन सकी है। प्रबंधन अपनी जिद पर रहा। हम लोग अपनी मांग पर अड़े रहे। बढ़े हुए रेट को स्वीकार नहीं करेंगे, जब तक आप वापस नहीं लेंगे, तब तक आंदोलन चलता रहेगा।

600 स्क्वायर फीट तक के आवास को लाइसेंस पर देने पर बीएसपी तैयार हो गया है। लेकिन, वर्तमान में जिस आवास में लोग रह रहे हैं, उसी को देने की मांग की गई है।
शॉप के मुद्दे पर प्रबंधन ने कहा-हमने सेल कारपोरेट आफिस को प्रस्ताव भेजा है। रजिस्ट्री पर जो बढ़ा पैसा मांगा जा रहा है, उसका विरोध होगा। आंदोलन चालू रहेगा।
न्यूनतम वेतन के मुद्दे पर ट्रेड यूनियन नेताओं के साथ बातचीत के बाद आगे की रणनीति तय करेंगे। प्रबंधन को चेतावनी दी गई कि अगर, न्यूनतम वेतन नहीं देंगे तो मेन गेट पर अनशन करेंगे।
सेक्टर 9, सेक्टर 7 आदि की बस्ती पर साफ कहा-एक भी मकान हटाने नहीं देंगे। जब तक प्रधानमंत्री योजना के तहत मकान बनाकर नहीं दिया जाएगा, तब कोई खाली नहीं होगा। विधायक ने कहा-हाउस फॉर ऑल के लिए जमीन तय कीजिए। इससे पहले हम एक भी मकान नहीं हटने देंगे।
बीएसपी के ठेकेदारों का भी मुद्दा उठा। बाहरी कंपनियों को काम दिया जा रहा है। स्थानीय को काम नहीं मिल पाता है। इस पर प्रबंधन ने कहा-एसोसिएशन के साथ बैठक करेंगे।
भिलाई के ठेका मजदूर का मुद्दा उठा। स्थानीय छत्तीसगढिय़ा लोगों के लिए सेक्टर 5 में स्किल सेंटर खोला जाएगा। 100 प्रतिशत प्लांट में प्लेसमेंट होगा। प्लांट में काम करने का मौका मिलेगा। टाउनशिप के सेक्टर एरिया के लिए जो प्लानिंग होगी, उसकी जानकारी बीएसपी सांसद, विधायक, प्रशासन के साथ साझा करें।
लीज और रिटेंशन के मुद्दे पर एक मार्च निकाला जाएगा। यूनियन नेताओं ने अनशन समाप्त करने की अपील की। सीटू यूनियन से डीवीएस रेड्डी, एसपी डे, सीटू इंटक ठेका यूनियन से संजय साहू, एससी-एसटी पीएसयू फेडरेशन से सुनील रामटेके, एचएमएस से हरिराम यादव, लोइमू से जय प्रकाश नायर, देवेंद्र सोनी, लीज आंदोलन समिति से बीएल वर्मा, योगेश कुमार सोनी, सुरेंद्र मोहंती, रिसाली निगम के सभापति केशव बंछोर ने विधायक से अनशन समाप्त करने की अपील की। भीड़ ने भी एकमत से विधायक से अपील किया कि अनशन को समाप्त किया जाए। उसके पश्चात् विधायक ने छोटी बच्ची के हाथों नारियल पानी पीकर अपना अनशन तोड़ा । तय समय दोपहर 3.30 बजे से मीटिंग शुरू हुई। इसके बाद भिलाई निवास को सील कर दिया गया। प्रवेश और निकास द्वार पर सीआइएसएफ जवानों को तैनात कर दिया गया। किसी तरह की आवाजाही पर रोक लगा दी गई। किसी भी बाहरी व्यक्ति और मीडिया को भी अंदर नहीं जाने दिया जा रहा था।