नई दिल्ली। भारत निर्वाचन आयोग मंगलवार को केरल, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह की ड्राफ्ट मतदाता सूची प्रकाशित करेगा। इसके साथ ही वर्ष 2026 में विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में प्रस्तावित चुनावी प्रक्रिया की तैयारियों में एक महत्वपूर्ण चरण पूरा होगा।
निर्वाचन आयोग के अनुसार, चारों राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश के ड्राफ्ट इलेक्टोरल रोल मुख्य निर्वाचन अधिकारियों और जिला निर्वाचन अधिकारियों के माध्यम से सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के साथ साझा किए जाएंगे। राजनीतिक दल तय समय-सीमा के भीतर मतदाता सूची को लेकर दावे, आपत्तियां और सुझाव दर्ज करा सकेंगे। आयोग ने निर्देश दिए हैं कि राजनीतिक दलों को मतदाता सूची की हार्ड कॉपी भी उपलब्ध कराई जाए।
पारदर्शिता और आम जनता की सुविधा को ध्यान में रखते हुए ड्राफ्ट मतदाता सूची को सीईओ और डीईओ की आधिकारिक वेबसाइटों पर भी अपलोड किया जाएगा। इसके साथ ही अनुपस्थित, स्थानांतरित, मृत और डुप्लीकेट मतदाताओं की सूचियां भी संबंधित वेबसाइटों पर सार्वजनिक की जाएंगी।
ड्राफ्ट मतदाता सूची के प्रकाशन के बाद निर्धारित अवधि तक दावा-आपत्ति प्रक्रिया चलेगी। इस दौरान चुनावी पंजीकरण अधिकारी द्वारा नोटिस जारी करना, सुनवाई करना, प्रमाणन और दावों तथा आपत्तियों का निपटारा किया जाएगा। आयोग ने स्पष्ट किया है कि इस अवधि में सभी वास्तविक और पात्र मतदाताओं को सूची में जोड़ा जा सकता है, जबकि एक से अधिक स्थानों पर दर्ज नामों को केवल एक स्थान पर रखा जाएगा।
यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई भी पात्र मतदाता छूट न जाए, बूथ लेवल अधिकारियों ने घर-घर जाकर सत्यापन किया है। वहीं चुनावी पंजीकरण अधिकारियों ने राजनीतिक दलों के साथ बैठकें कर अस्थायी सूचियां साझा कीं, ताकि बूथ लेवल एजेंट फील्ड स्तर पर सत्यापन कर सकें।
निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि बिना उचित प्रक्रिया, नोटिस और कारणयुक्त आदेश के किसी भी मतदाता का नाम सूची से नहीं हटाया जाएगा। सभी दावे और आपत्तियों के निपटारे के बाद अंतिम मतदाता सूची 14 फरवरी को प्रकाशित की जाएगी।