रायपुर। बच्चों को न्याय दिलाने की दिशा में छत्तीसगढ़ ने देशभर में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज मामलों के निपटारे में छत्तीसगढ़ पूरे भारत में शीर्ष पर रहा है। पहली बार ऐसा हुआ है जब एक वर्ष में दर्ज मामलों से कहीं अधिक मामलों का निस्तारण किया गया है।

आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2025 में छत्तीसगढ़ में पॉक्सो कानून के तहत कुल 1416 मामले दर्ज किए गए, जबकि इसी अवधि में अदालतों ने 2678 मामलों का निपटारा किया। इसमें पिछले कई वर्षों से लंबित मामलों की बड़ी संख्या शामिल है। इस तरह छत्तीसगढ़ ने 189 प्रतिशत की निपटान दर हासिल कर देश में पहला स्थान प्राप्त किया है।
यह जानकारी सेंटर फॉर लीगल एक्शन एंड बिहेवियर चेंज (सी-लैब) फॉर चिल्ड्रन की रिपोर्ट “पेंडेंसी टू प्रोटेक्शन: अचीविंग द टिपिंग पॉइंट टू जस्टिस फॉर चाइल्ड विक्टिम्स ऑफ सेक्सुअल एब्यूज” में सामने आई है।
रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2025 में देशभर में बच्चों के यौन शोषण से जुड़े 80,320 मामले दर्ज हुए, जबकि 87,754 मामलों का निपटारा किया गया। इससे राष्ट्रीय स्तर पर निपटान दर 109 प्रतिशत तक पहुंच गई। खास बात यह है कि देश के 24 राज्यों में पॉक्सो मामलों की निपटान दर 100 प्रतिशत से अधिक रही है।
रिपोर्ट में यह भी सिफारिश की गई है कि पॉक्सो के सभी लंबित मामलों को चार वर्षों के भीतर खत्म करने के लिए देशभर में 600 अतिरिक्त ई-पॉक्सो अदालतों की स्थापना की जाए।