इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर हाईकोर्ट ने स्ट्रीट डॉग की नसबंदी और उनके नियंत्रण को लेकर नगर निगम पर कड़ी चेतावनी दी है। जज विजय कुमार शुक्ला और जस्टिस बीके द्विवेदी की खंडपीठ ने कहा कि शहर के 56 दुकान, सराफा, एमजी रोड और अन्य प्रमुख इलाकों में कहीं भी जाएं, आवारा कुत्ते बैठे मिलेंगे।

हाईकोर्ट ने नगर निगम प्रशासन को फटकार लगाते हुए कहा कि स्ट्रीट डॉग की नसबंदी के आंकड़े वास्तविकता से मेल नहीं खाते और अगर ठोस कदम नहीं उठाए गए तो न्यायिक जांच बिठाई जाएगी।
दरअसल, इंदौर नगर निगम ने अपने पक्ष में दावा किया था कि 2,39,000 से अधिक स्ट्रीट डॉग की नसबंदी की जा चुकी है। लेकिन हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए इस मामले की गंभीरता पर जोर दिया।
खंडपीठ ने नगर निगम को स्पष्ट निर्देश दिए कि आवारा कुत्तों की समस्या को केवल आंकड़ों के पीछे छुपाकर नहीं दिखाया जा सकता। न्यायालय ने चेताया कि यदि नगर निगम ने स्ट्रीट डॉग नियंत्रण के ठोस और प्रभावी उपाय नहीं किए, तो प्रशासन पर कड़ा न्यायिक हस्तक्षेप होगा।
हाईकोर्ट की यह टिप्पणी नगर निगम प्रशासन के लिए गंभीर चेतावनी है और शहरवासियों के लिए भी संकेत देती है कि आवारा कुत्तों की समस्या अब और अनदेखी नहीं की जा सकती। नगर निगम को अब शहर में स्ट्रीट डॉग की वास्तविक स्थिति सुधारने और नसबंदी अभियान को प्रभावी बनाने के लिए कदम उठाना अनिवार्य हो गया है।