धरसीवा विधानसभा के नकटी गांव में गरीबों के घरों को लेकर फिर भड़का विवाद, ग्रामीण सड़कों पर उतरे

धरसीवा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम नकटी में एक बार फिर विवाद की स्थिति बन गई है। अपने घरों को बचाने के लिए शुक्रवार को बड़ी संख्या में ग्रामीण हाथों में लाठी लेकर एकत्रित हो गए। ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें दोबारा नोटिस देने की कोशिश की जा रही थी, जिससे नाराज होकर वे एकजुट हुए। इस दौरान छत्तीसगढ़ क्रांति सेना के कार्यकर्ता भी ग्रामीणों के समर्थन में मौके पर मौजूद रहे।

गौरतलब है कि करीब सात महीने पहले, मई-जून के दौरान नकटी गांव के लगभग 85 घरों को नोटिस जारी किया गया था। नोटिस में स्पष्ट किया गया था कि गांव में प्रस्तावित विधायक कॉलोनी के निर्माण के लिए उन्हें अपने मकान खाली करने होंगे। इसके बाद मामला काफी तूल पकड़ गया था और यह मामला रायपुर लोकसभा सांसद बृजमोहन अग्रवाल तक पहुंचा था। उस समय ग्रामीणों को यह आश्वासन दिया गया था कि गांव खाली नहीं कराया जाएगा, न ही घर तोड़े जाएंगे।

हालांकि अब एक बार फिर नोटिस की आशंका से गांव में तनाव का माहौल बन गया है। ग्रामीणों का आरोप है कि उन्होंने मेहनत-मजदूरी कर और प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिले पैसों से अपने घर बनाए हैं, लेकिन अब सरकार इन्हें तोड़ने की कोशिश कर रही है। उनका सवाल है कि यदि घर तोड़े गए तो गरीब मजदूर और ग्रामीण परिवार आखिर कहां जाएंगे। ग्रामीणों ने कहा कि उनकी पीढ़ियां वर्षों से यहां रह रही हैं और इतने सालों बाद उन्हें बेघर करना सरासर अन्याय है।

ग्रामीणों ने यह सवाल भी उठाया कि जब प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत राशि दी गई और घरों का निर्माण हुआ, तब शासन-प्रशासन को यह जानकारी क्यों नहीं थी कि वहां विधायक कॉलोनी प्रस्तावित होगी। अब घर बन जाने के बाद नोटिस जारी करना न सिर्फ जनता को परेशान करने वाला कदम है, बल्कि सरकारी खजाने की बर्बादी भी है।

ग्रामीणों के अनुसार, उन्होंने इस मामले को अपने विधायक अनुज शर्मा के समक्ष भी रखा, लेकिन विधायक ने इसमें अपनी किसी भूमिका से इनकार करते हुए कहा कि पूरा मामला शासन के स्तर पर है। ग्रामीणों का कहना है कि जब क्षेत्र में भाजपा के विधायक हैं और प्रदेश में भाजपा की सरकार है, तो आखिर इस फैसले की जिम्मेदारी कौन लेगा और गरीब जनता के हितों की रक्षा कौन करेगा।

फिलहाल गांव में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। अब सभी की निगाहें शासन की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं—क्या ग्रामीणों को उनके घरों में ही रहने दिया जाएगा या फिर नकटी गांव के लोग बेघर होकर विधायक कॉलोनी का रास्ता साफ करने को मजबूर होंगे।

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