रायपुर। केंद्र सरकार ने ग्रामीण रोजगार की दिशा में बदलाव के लिए बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने ग्रामीण रोजगार में बड़ा बदलाव करते हुए मनरेगा योजना की जगह विकसित भारत-रोजगार और आजीविका गारंटी मिशन यानी विकसित भारत जी राम जी योजना ला रही है। केंद्र सरकार की इस सोच के पीछे छत्तीसगढ़ का बड़ा योगदान है। मनरेगा योजना में बदलाव के लिए भाजपा के सोशल मीडिया सह संयोजक मितुल कोठारी ने प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखा था।

संसद के शीतकालीन सत्र में 15 दिसंबर को केंद्र सरकार ने सदन में बताया कि साल 2005 से चल रही मनरेगा योजना को निरस्त कर सरकार उसकी जगह नई योजना शुरू कर रही है। इस योजना को विकसित भारत-रोजगार और आजीविका गारंटी मिशन के नाम से जाना जाएगा साथ ही इसमे 125 कार्य दिवस होंगे। ग्रामीण भारत को रोजगार से जोड़ने के लिए सरकार का यह बड़ा फैसला है।
भले ही यह फैसला केंद्र सरकार ने लिया है , लेकिन मनरेगा में बदलाव का श्रेय छत्तीसगढ़ के भाजपा सोशल मीडिया सह संयोजक मितुल कोठारी को जाता है। उन्होंने बीते 27 मार्च को प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखा और राष्ट्र हित में मनरेगा योजना में परिवर्तन का सुझाव दिया था।

मितुल कोठारी ने अपने पत्र के माध्यम से सुझाव दिया था कि
सम्पूर्ण भारत में वर्ष 2008 से मनरेगा लागु है जिसे आज 16 वर्ष हो चुके है मनरेगा योजना तागु करने का मूल उद्देश्य भूमिहीन, गरीब परिवार को रोजगार देना था क्योंकि उस समय देश में रोजगार के सिमित संसाधन थे एवं कृषि क्षेत्र में भी उत्पादकता कम थी कितु विगत 10 वर्षों में भारत देश ने अनेक बड़े बदलाव देखे है जिसमे किसानों की आय में वृधि हुई है साथ ही रोजगार श्रुजन के अनेक माध्यम विकसित हुए है एवं आज भी मनरेगा में श्रमिकों द्वारा जो कार्य किये जाते है वह सारे कार्य यंत्रीकरण द्वारा कम समय एवं कम लागत में किये जा सकते है साथ ही विगत 11 वर्षों में भारत में भी अनेक बदलाव यंहा की जनता ने देखे है और आपके नेतृत्व में देश विश्व की तीसरी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है।
आज देश में ग्रामीण क्षेत्र में बेरोजगारी बड़ी समस्या नहीं है, आज देश में ग्रामीण क्षेत्रों में श्रमिक मिलना बड़ी समस्या है एवं देश में कृषि क्षेत्र में श्रमिकों की बड़ी समस्या आ रही है इसके निराकरण करने हेतु यदि मनरेगा श्रमिकों का समायोजन बड़े कृषकों एवं ग्रामीण क्षेत्रों में चलने वाले सूक्ष्म लघु, मध्यम उद्योगों के साथ कर दिया जाए तो निश्चित कृषि उत्पादकता में बढ़ोत्तरी के साथ-साथ सूक्ष्म लघु मध्यम उद्योगों का भी विकास होगा यह समायोजन निम्न रूप से किया जाना चाहिए जिससे भारत शासन के मनरेगा में होने वाले खर्च में बचत भी होगी साथ ही देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
मितुल कोठारी के सुझाव को गंभीरता से लिया। भारत सरकार की संयुक्त विकास आयुक्त रुक्मणि अत्रि ने पत्र लिख कर मितुल कोठारी को बताया कि उनकी टिप्पणियों को नोट कि गया है , साथ ही अन्य मंत्रालय और विभागों को इससे जुड़ी जानकारी भेजी गई है। वहां से सुझाव आने के बाद इस दिशा में आगे की कार्रवाई की जाएगी।
मितुल कोठारी के इस पत्र के बाद केंद्र सरकार ने मनरेगा योजना में बदलाव करने का निर्णय लिया। जिसके बाद संसद के शीतकालीन सत्र में मनरेगा की जगह विकसित भारत-रोजगार और आजीविका गारंटी मिशन यानी विकसीत भारत जी-राम-जी कि गया है।