छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में नक्सलवाद के खिलाफ चल रहे अभियान को बड़ी सफलता मिली है। जिले में सक्रिय 34 नक्सलियों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया है। इन सभी पर कुल ₹84 लाख का इनाम घोषित था। सरेंडर करने वालों में 7 महिलाएं और 27 पुरुष शामिल हैं।
पुलिस के मुताबिक आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली केरलापाल एरिया कमेटी, पीएलजीए (PLGA) और मिलिशिया से जुड़े रहे हैं। इनमें संगठन के सक्रिय सदस्य ही नहीं, बल्कि कमांडर स्तर के नक्सली भी शामिल हैं। सभी ने बीजापुर के पुलिस अधीक्षक के समक्ष आत्मसमर्पण किया।

इन 34 नक्सलियों में 5 ऐसे हैं, जिन पर ₹8-8 लाख का इनाम घोषित था। वहीं 3 नक्सलियों पर ₹5-5 लाख, 10 नक्सलियों पर ₹2-2 लाख और 7 नक्सलियों पर ₹1-1 लाख का इनाम था। लंबे समय से ये सभी नक्सली जिले के अलग-अलग इलाकों में सक्रिय थे।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वालों में केरलापाल एरिया कमेटी के DVCM-01, PLGA कंपनी नंबर-2 के 4 सदस्य, ACM-03, प्लाटून व एरिया कमेटी के 8 पार्टी सदस्य, 3 मिलिशिया प्लाटून कमांडर, 5 मिलिशिया प्लाटून सदस्य, 1 PLGA सदस्य तथा विभिन्न RPC से जुड़े CNM, जनताना सरकार के अध्यक्ष-उपाध्यक्ष, DAKMS और KAMS के अध्यक्ष-उपाध्यक्ष समेत कुल 9 सदस्य शामिल हैं।
मुख्यधारा में लौटने की अपील
इस मौके पर बीजापुर पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेंद्र कुमार यादव ने नक्सलियों से हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा से जुड़ने की अपील की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की पुनर्वास नीति आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को सुरक्षित, सम्मानजनक और आत्मनिर्भर जीवन देने के लिए बनाई गई है। उनके परिवार भी चाहते हैं कि वे सामान्य नागरिक की तरह जीवन जिएं।
एसपी ने कहा कि माओवादी संगठन की भ्रामक और हिंसक विचारधारा से बाहर आकर नक्सली निर्भय होकर समाज में लौटें। सरकार की ‘पूना मारगेम’ नीति के तहत उन्हें हरसंभव सहायता दी जा रही है।
824 नक्सली छोड़ चुके हैं हिंसा का रास्ता
पुलिस आंकड़ों के अनुसार, 1 जनवरी 2024 से अब तक बीजापुर जिले में कुल 824 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं। इसी अवधि में 1079 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि मुठभेड़ों में 220 नक्सली मारे गए हैं।