भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गुरुवार को बालाघाट जिले में दो कुख्यात नक्सलियों के सरेंडर के बाद दावा किया कि प्रदेश नक्सलवाद से पूरी तरह मुक्त हो गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व एवं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में यह सफलता प्राप्त हुई है।
मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बालाघाट में ‘पुनर्वास से पुनर्जीवन’ अभियान के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि आज का दिन प्रदेश के इतिहास में स्वर्णिम अध्याय के रूप में दर्ज होगा तथा बालाघाट से लाल सलाम को अंतिम सलाम कर दिया गया है।
बालाघाट के बिरसा थाना क्षेत्र में कोरका स्थित सीआरपीएफ कैंप में गुरुवार को दीपक (29 लाख रुपये इनामी) एवं रोहित (14 लाख रुपये इनामी) नामक दो कुख्यात नक्सलियों ने सरेंडर कर दिया। दोनों ने मुख्यधारा में लौटने की इच्छा जताई। दीपक बालाघाट जिले के पलागोंड़ी का रहने वाला है तथा दोनों लंबे समय से नक्सली गतिविधियों में सक्रिय थे।
जिले के एसपी आदित्य मिश्रा ने बताया कि इन दोनों के सरेंडर के बाद बालाघाट में अब कोई सक्रिय कुख्यात नक्सली शेष नहीं बचा है। सीआरपीएफ एवं स्थानीय पुलिस की संयुक्त कार्रवाई, निरंतर दबाव एवं प्रभावी रणनीति से यह सफलता मिली, जिससे नक्सली नेटवर्क को बड़ा झटका लगा है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि पिछले 42 दिनों में मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र एवं छत्तीसगढ़ (एमएमसी) जोन में 7 करोड़ 75 लाख रुपये इनामी 42 नक्सलियों ने सरेंडर किया है। उन्होंने कहा कि केंद्र के 26 जनवरी 2026 तक नक्सलवाद समाप्त करने के संकल्प तथा सुरक्षा बलों के समन्वित प्रयासों से प्रदेश में अंतिम दो नक्सलियों के सरेंडर के साथ नक्सलवाद का पूर्णतः खात्मा हो गया।