नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री एवं सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने लोकसभा में डिजिटल अरेस्ट घोटालों पर गंभीर चिंता जताते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री से बैंकिंग प्रणाली में AI-इनेबल्ड फ्रिक्शन (कूलिंग ऑफ पीरियड/एस्क्रो) तत्काल लागू करने का अनुरोध किया।
उन्होंने कहा कि अपराधी वीडियो कॉल पर सीबीआई या पुलिस अधिकारी बनकर बुजुर्गों को कई दिनों तक डिजिटल निगरानी में रखते हैं और झूठी गिरफ्तारी की धमकी देकर जीवनभर की जमा-पूंजी हड़प लेते हैं। सुप्रीम कोर्ट के अनुसार भारत में ऐसे फ्रॉड से अब तक 3,000 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी हो चुकी है। सितंबर 2024 से मार्च 2025 के बीच एक महिला ने 32 करोड़ रुपये गंवा दिए।
अग्रवाल ने जोर दिया कि मौजूदा बैंकिंग सिस्टम में ट्रांजैक्शन की स्पीड ही सबसे बड़ी कमजोरी है। दबाव में पीड़ित मिनटों में 80-90% बचत ट्रांसफर कर देता है और बैंक इसे वैध मान लेता है। सिंगापुर की तर्ज पर भारत में भी जोखिमपूर्ण ट्रांजैक्शन (खासकर खाते की 50% से अधिक राशि) पर 12-24 घंटे का कूलिंग ऑफ पीरियड या एस्क्रो में फंड लॉक करने की व्यवस्था लागू होनी चाहिए।
सांसद ने इसे बुजुर्गों की आर्थिक सुरक्षा और डिजिटल बैंकिंग की विश्वसनीयता का बड़ा सवाल बताया तथा वित्त मंत्री से तत्काल कदम उठाने की मांग की।