छत्तीसगढ़ में नई गाइडलाइन दरें लागू: ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में वैज्ञानिक रेशनलाइजेशन, निवेश और पारदर्शिता को मिलेगा बढ़ावा

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भूमि की नई गाइडलाइन दरें जारी कर दी हैं। यह दरें महानिरीक्षक पंजीयन एवं अधीक्षक मुद्रांक के निर्देश पर केन्द्रीय मूल्यांकन बोर्ड द्वारा अनुमोदित हैं और 20 नवंबर 2025 से पूरे प्रदेश में लागू हो गई हैं। वर्ष 2019-20 के बाद छह वर्ष के अंतराल पर किया गया यह पुनरीक्षण ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में व्यापक सुधार और पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से किया गया है।

ग्रामीण क्षेत्रों में रेशनलाइजेशन

नई गाइडलाइन दरों का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि के वास्तविक बाजार मूल्य को परिलक्षित करना और पुराने दरों की विसंगतियों को दूर करना है।

  • ग्रामीण क्षेत्रों में मुख्य मार्ग पर औसतन 109% और अंदरूनी इलाकों में 105% की वृद्धि दर्ज की गई है।
  • बलरामपुर जिले के ग्राम ताम्बेश्वरनगर में मुख्य मार्ग की दर 6,28,677 रुपए प्रति हेक्टेयर से बढ़कर 51,52,000 रुपए प्रति हेक्टेयर हुई, जिससे 719% की वृद्धि हुई।
  • इसी तरह ग्राम लूरघुट्टा में मुख्य मार्ग पर 711% और अंदर 413% की वृद्धि दर्ज हुई। ग्राम नावाडीह में मुख्य मार्ग पर 568% और अंदर 326% तक वृद्धि हुई।
  • निवेश और पर्यटन क्षेत्रों के समीप स्थित ग्रामों में दरों का यह पुनर्मूल्यांकन स्वाभाविक और आवश्यक था।

अन्य महत्वपूर्ण विकास क्षेत्रों जैसे भवानीपुर और रामचन्द्रपुर में भी मुख्य मार्ग पर 300% से अधिक वृद्धि हुई है।

शहरी क्षेत्रों में सुधार

शहरी क्षेत्रों में भी गाइडलाइन दरों का व्यापक पुनरीक्षण किया गया है।

  • बलरामपुर जिले के नगरीय निकायों में मुख्य मार्ग और अंदरूनी क्षेत्रों में औसतन 20% की वृद्धि की गई।
  • वार्ड 01 (रविन्द्र प्रताप सिंह वार्ड) में प्रति वर्गमीटर दर 5740 रुपए से बढ़कर मुख्य मार्ग पर समान स्तर की दर निर्धारित की गई, जिससे पहले की विसंगतियों को दूर किया गया।
  • शहरी क्षेत्रों में बढ़ती जनसंख्या, आवासीय और व्यवसायिक गतिविधियों का विस्तार और औद्योगिक क्षेत्रों की वृद्धि को ध्यान में रखते हुए वार्डवार नई कंडिकाएं तैयार की गईं।

विशेषज्ञों की राय

विशेषज्ञ मानते हैं कि नई गाइडलाइन दरें छत्तीसगढ़ के भूमि बाजार को अधिक पारदर्शी, न्यायसंगत और निवेश-अनुकूल बनाएंगी।

  • ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों को भूमि अधिग्रहण के समय उचित मुआवजा मिलेगा।
  • शहरी क्षेत्रों में योजनाबद्ध और व्यवस्थित विकास को गति मिलेगी।
  • भूमि मूल्य का यह वैज्ञानिक रेशनलाइजेशन राज्य के समग्र आर्थिक विकास का मजबूत आधार बनेगा।

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