धान खरीदी, जमीन गाइडलाइन और राम मूर्ति मामले पर पूर्व मंत्री अमरजीत भगत का बयान

रायपुर। पूर्व खाद्य मंत्री और कांग्रेस नेता अमरजीत भगत ने धान खरीदी प्रक्रिया को लेकर सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि किसानों का रकबा बड़े पैमाने पर काट दिया गया है, कई जगह तो इसे शून्य कर दिया गया है। उनके अनुसार किसानों पर अनावश्यक दबाव बनाया जा रहा है और उन्हें दादागिरी का सामना करना पड़ रहा है। भगत का कहना है कि वर्तमान स्थिति में किसान खुद को असहाय महसूस कर रहे हैं और छत्तीसगढ़ में खेती करना उनके लिए चुनौतीपूर्ण हो गया है। उन्होंने मांग की कि सरकार तुरंत किसानों के काटे गए रकबे को पुनः जोड़े।

पूर्व मंत्री भगत ने नई जमीन गाइडलाइन के लिए लोगों से सुझाव मांगने पर भी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि यह स्थिति हास्यास्पद है कि प्रदेश का मुखिया स्वयं लोगों से सुझाव मांग रहा है, जबकि पूरा अधिकार सरकार के पास है। उन्होंने सवाल उठाया कि किनके कहने पर परिवर्तन किए गए और समस्या पैदा हुई। उनके अनुसार रजिस्ट्री से जुड़े बदलावों की वजह से राजस्व वसूली में कमी आई है, जो सरकार के लिए नुकसानदायक है।

नवा रायपुर के चंदखुरी में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में स्थापित राम मूर्ति को हटाकर अन्य स्थान पर स्थापित किए जाने के मामले में भी पूर्व मंत्री भगत ने भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भाजपा राम के नाम पर केवल दिखावा करती है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा खुद कुछ नहीं कर सकी और अब कांग्रेस द्वारा स्थापित राम मूर्ति में भी कमियां तलाश रही है। भगत ने कहा कि भगवान के कई रूप होते हैं और यह जरूरी नहीं कि भाजपा जैसा चाहे, वैसा ही हर कोई देखे। मूर्ति को अन्य स्थान पर ले जाने को उन्होंने दुर्भाग्यपूर्ण बताया।

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