शहडोल। मध्यप्रदेश में इस बार सर्दी ने उम्मीद से कहीं ज्यादा तेज और रिकॉर्ड तोड़ दस्तक दी है। भारतीय मौसम विभाग, भोपाल केंद्र की रिपोर्ट के अनुसार शहडोल जिले के कल्याणपुर में न्यूनतम तापमान 4.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो पूरे प्रदेश में सबसे कम है।
दिसंबर की शुरुआत में ही प्रदेश में ऐसी ठिठुरन देखने को मिली है, जो सामान्यतः जनवरी के अंतिम सप्ताह में महसूस की जाती थी। सुबह के समय हल्का कोहरा, तेज ठंडी हवाएं और सुनसान सड़कें लोगों को सर्दी की गंभीरता का एहसास करा रही थीं। बाजारों में केवल चाय की दुकानों पर भीड़ दिखी, जहां लोग अलाव के पास बैठकर गर्म चाय पीकर राहत पाने की कोशिश करते नजर आए।
शहर के प्रमुख चौक–चौराहों पर लोग अलाव का सहारा लेते देखे गए। नगर निगम द्वारा रैन बसेरों की व्यवस्था करने के बावजूद कई बेघर और फुटपाथ पर रह रहे लोग खुले आसमान के नीचे रात बिताने को मजबूर हैं, जिससे उनकी परेशानियां बढ़ गई हैं। ठंड का असर इंसानों के साथ-साथ आवारा पशुओं पर भी स्पष्ट रूप से दिख रहा है। सामाजिक संस्थाओं ने प्रशासन से मांग की है कि गरीबों और पशुओं के लिए अतिरिक्त राहत केंद्र और अस्थायी शेड की व्यवस्था की जाए।
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि आने वाले दो से तीन दिनों तक प्रदेश में ठंड का असर और बढ़ सकता है। उत्तरी हवाएं लगातार सक्रिय हैं, जिसके चलते शहडोल, उमरिया और अनूपपुर जिलों में तीव्र शीतलहर की संभावना जताई गई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इतनी सर्दी कई वर्षों बाद महसूस हो रही है और दिसंबर में ही जनवरी जैसी सिहरन का अनुभव हो रहा है। शहडोल वर्तमान में मध्यप्रदेश का सबसे ठंडा क्षेत्र बन चुका है।