अब फिर नौ लाख रुपए खर्च करने भेजा प्रस्ताव
राजकुमार मल
भाटापारा। छत का साथ छोड़ते प्लास्टर। उखड़ती टाइल्स और सीलन युक्त दीवारें। यह हाल उस भवन का है, जिसके निर्माण पर 28 लाख 86 हजार रुपए खर्च किए गए थे। हद तो यह कि इस भवन की उम्र महज 10 साल ही है।
किसान तो दूर अब विभागीय कर्मचारी और अधिकारी भी उस भवन की ओर जाना नहीं चाहते, जिसे शहीद वीर नारायण सिंह बहुउद्देशीय कृषक सूचना केंद्र के नाम से पहचाना जाता था। छोटा है पुराना भवन लेकिन जैसे-तैसे काम कर रहे हैं। ऐसे में सिर्फ एक सवाल- कब होगा जीर्णोंद्धार क्षतिग्रस्त भवन का ?
5 साल में ही जीर्ण-शीर्ण
साल 2014-2015 में 28 लाख 86 हजार रुपए की लागत से कृषक सूचना केंद्र भवन का निर्माण शुरू हुआ था। 2015-16 में तैयार होने के बाद 4 जुलाई 2016 को नया भवन हस्तांतरित कर दिया गया विभाग को। शुरुआत के 2 वर्ष तो ठीक गुजरे लेकिन तीसरे बरस से गुणवत्ताहीन निर्माण की पोल खुलने लगी। स्थिति बिगड़ते देख 2021-22 में मुख्यालय को सूचना देकर भवन खाली कर दिया गया।

करवाया तकनीकी परीक्षण
विभाग के जिला मुख्यालय ने फूर्ति दिखाते हुए तकनीकी परीक्षण करवाया, जिसमें 9 लाख 30000 खर्च का अनुमान लगाया गया है। इस प्रस्ताव की लिखित जानकारी 9 जुलाई 2024 को भेजी लेकिन साल बीता, दूसरा साल चालू हो चुका है, पर संतोषजनक जवाब अब तक नहीं आया है। फलस्वरुप पुराने भवन से ही जैसे-तैसे कामकाज का संपादन किया जा रहा है।
इस पर मौन
प्रतिक्षालय नहीं हैं नए भवन में । इसलिए सड़क पर अपनी बारी की प्रतिक्षा करते है किसान। प्यास लगने पर होटलो का सहारा लेना पड़ता है या खरीदनी पड़ती है बाटल । ऐसा इसलिए क्योकि बोरवेल्स में लगा पंप फंस चुका है । अहम है ये दोनो सुविधाएं लेकिन जिम्मेदारो ने इस पर भी मौन साध रखा है ।
कृषक सूचना केंद्र भवन की विस्तृत जानकारी मुख्यालय को भेज दी है। प्रयास कर रहे हैं प्रस्ताव की मंजूरी के लिए ताकि कार्य संपादन में कर्मचारियों, अधिकारियों एवं किसानों को तकलीफ ना हो।
-दीपक नायक, उपसंचालक (कृषि), बलौदाबाजार