दिल्ली। दिल्ली नगर निगम (MCD) ने संपत्ति कर व्यवस्था में पारदर्शिता और सुधार लाने के उद्देश्य से एक बड़ा कदम उठाया है। अब सभी प्रॉपर्टी यूनिक प्रॉपर्टी आइडेंटिफिकेशन कोड (UPIC) को आधार से लिंक किया जाएगा। इसके लिए निगम को राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) से अनुमति भी मिल चुकी है। यह व्यवस्था लागू होने के बाद संपत्ति कर भुगतान और रिकॉर्ड की मॉनिटरिंग अधिक सटीक और सरल होगी।

आधार से लिंक होगी प्रॉपर्टी—रिकॉर्ड होंगे पारदर्शी
निगम अधिकारियों के अनुसार, करदाताओं के आधार कार्ड को उनके UPIC से जोड़ने का उद्देश्य कर भुगतान प्रणाली को सरल बनाना है। आधार लिंक होने से करदाता MCD वेबसाइट पर सिर्फ आधार की मदद से अपनी संपत्ति का पूरा विवरण देख सकेंगे और बिना अतिरिक्त दस्तावेज़ के ऑनलाइन टैक्स जमा कर पाएंगे।
दिल्ली की सभी संपत्तियों का बड़ा सर्वे
MCD पूरे दिल्ली में व्यापक सर्वे करने जा रहा है। इसमें यह जांचा जाएगा कि किस संपत्ति को किराए पर दिया गया है और कहाँ कर चोरी हो रही है।
- यदि संपत्ति खुद मालिक उपयोग कर रहा है तो उसे यूज फैक्टर 1 के तहत टैक्स देना होगा।
- किराए पर होने पर यूज फैक्टर 2 लागू होगा।
उल्लंघन करने वालों पर अतिरिक्त जुर्माना भी लगाया जाएगा। निगम ने ऐसे संपत्ति मालिकों को नोटिस भेजने की तैयारी कर ली है जिन्होंने वर्षों से टैक्स नहीं चुकाया है।
ड्रोन सर्वे से अवैध निर्माण की पहचान—75% क्षेत्र का सर्वे पूरा
दिल्ली में MCD, DDA और सर्वे ऑफ इंडिया मिलकर ड्रोन की मदद से शहर का विस्तृत 3D सर्वे कर रहे हैं।
- अब तक 1,000 वर्ग किलोमीटर यानी दिल्ली के 75% हिस्से का सर्वे पूरा हो चुका है।
- ड्रोन डेटा से अवैध निर्माण आसानी से चिन्हित किए जा सकेंगे।
- टैक्स चोरी करने वालों को भी टैक्स दायरे में लाया जाएगा।
MCD की नई परियोजनाएँ—कचरा प्रबंधन में बड़ा विस्तार
वित्तीय वर्ष 2026-27 के लिए निगम ने कई बड़ी परियोजनाओं की घोषणा की है—
- नरेला और बवाना में 3,000 MT प्रति दिन क्षमता वाले नए वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट।
- ओखला प्लांट की क्षमता 1950 MT से बढ़ाकर 2950 MT।
- गाजीपुर में 2,000 MT क्षमता वाला नया प्लांट—निविदा जारी और अनुमति प्राप्त।
- 5100 MT प्रति दिन कचरा निस्तारण क्षमता वाले नए संयंत्र भलस्वा, सिंघोला, ओखला और बवाना में स्थापित किए जाएंगे।
इसके अलावा, भारत दर्शन पार्क में 188 कारों की क्षमता वाली मल्टी-लेवल पार्किंग भी बनाई जाएगी।
सफाई व्यवस्था पर उठे सवाल—नागरिक नाराज
MCD ने इस वर्ष कई सफाई अभियान चलाए—
- ‘सफाई अपनाओ, बीमारी भगाओ’
- ‘दिल्ली को कूड़े से आज़ादी’
लेकिन नागरिकों का कहना है कि जमीन पर इसका असर नहीं दिख रहा।
- कई इलाकों में अब भी कूड़े के ढेर लगे हैं
- शिकायतों के बावजूद कार्रवाई नहीं हो रही
- सफाई की गुणवत्ता को लेकर असंतोष बढ़ रहा है
MCD के फैसलों से जहां पारदर्शिता और कर प्रणाली के सुदृढ़ीकरण की उम्मीद बढ़ी है, वहीं सफाई व्यवस्था को लेकर सवाल अब भी जस के तस हैं। यदि ड्रोन सर्वे और आधार लिंकिंग को सही तरीके से लागू किया गया तो दिल्ली में टैक्स चोरी और अवैध निर्माण पर बड़ी रोक लगने की संभावना है।