बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने पति-पत्नी विवाद के मामले में पत्नी की तलाक के खिलाफ अपील को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि बार-बार आत्महत्या की धमकी देना पति-पत्नी के लिए मानसिक क्रूरता माना जाता है।

जानकारी के अनुसार, मामला 11 मई 2018 की शादी से जुड़ा है। पति ने बताया कि पत्नी ने बार-बार आत्महत्या की धमकी दी और एक बार अपने ऊपर केरोसिन डालकर आत्महत्या करने की कोशिश भी की, जिसे पति ने बचाया। कोर्ट ने कहा कि इस तरह का व्यवहार पति के लिए मानसिक दबाव और डर उत्पन्न करता है, जो शादी में क्रूरता के अंतर्गत आता है।
शादी के कुछ महीनों बाद पत्नी और उसके माता-पिता ने पति से धार्मिक बदलाव की मांग शुरू की, जिससे विवाद बढ़ा। पत्नी का आक्रामक व्यवहार और बार-बार आत्महत्या की धमकी देना विवाह में सहनशीलता को असंभव बना दिया।
हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि पत्नी के ऐसे व्यवहार के कारण पति के लिए उसके साथ रहना संभव नहीं था और इसीलिए अपील खारिज की गई।
यह फैसला पति-पत्नी विवाद में मानसिक क्रूरता की कानूनी परिभाषा को उजागर करता है।