Atal Bihari Vajpayee University : अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय : राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू हो चुकी है, युवाओं के भविष्य से खिलवाड़, यूजीसी की धारा 28 के आधार पर नियुक्ति बन रहा मजाक

Atal Bihari Vajpayee University :

Atal Bihari Vajpayee University :  यूजीसी की धारा 28 के आधार पर नियुक्ति बन रहा मजाक

Atal Bihari Vajpayee University :  बिलासपुर। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के धारा-28 के अंतर्गत प्राइवेट कालेजों में टीचिंग और नान टीचिंग पदों में भर्ती का प्रावधान है। अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय एवं संबद्ध कालेजों में यह नियुक्ति मजाक बनकर रह गया है। कागजों में खेल चल रहा है। जिन संस्थानों में प्राध्यापक नियुक्त हुए हैं वहां नियमानुसार वेतन नहीं मिल रहा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू हो चुकी है, ऐसे में युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ है।

Atal Bihari Vajpayee University :  यूजीसी हर साल विश्वविद्यालयों के माध्यम से सकुर्लर जारी करती है। ताकि गुणवत्ता युक्त शिक्षा का आधार मजबूत हो सके। अटल विश्वविद्यालय और संबद्ध लगभग 60 कालेजों में इसका पालन कितना हो पा रहा किसी को जानकारी नहीं है। इक्का दुक्का संस्थानों में जहां प्राध्यापकों की नियुक्ति हुई हैं, वहां के प्राध्यापक बेहद परेशान हैं।

 

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नाम नहीं छापने की शर्त पर एक कॉलेज के प्राध्यापक ने बताया कि नियमानुसार उन्हें 35 हजार वेतन मिलना चाहिए, जो नहीं मिल रहा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू हो चुकी है। सेमेस्टर प्रणाली से पढ़ाई होनी है ऐसे में 10 से 12 हजार वेतन दिया जा रहा है। ऐसे में कुछ ने नौकरी छोड़ने का भी मन बना लिया है।

 

खबर यह भी है कि बड़ी संख्या में प्राध्यापक पहले ही नौकरी छोड़ चुके हैं। उच्च शिक्षा विभाग को चिंता है और न यूजीसी कभी कोई कार्रवाई करती है। विश्वविद्यालय भी मौन की मुद्रा में है। ऐसे में एनईपी की सफलता पर गंभीर प्रश्नचिह लगेगा, क्योंकि बिना शिक्षक के पढ़ाई आसान नहीं होगा।

अटल विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो.जीडी शर्मा, तत्कालीन कुलसचिव डा. इंदु अनंत, सहायक कुलसचिव सीएचएल टंडन ने प्राइवेट कालेजों की नींद उड़ा दिया था। साल 2015 से 2018 के बीच धारा 28 के अंतर्गत टीचिंग और नान टीचिंग के लगभग 1000 पदों पर भर्ती हुई थी। हालांकि, कोरोना महामारी के बाद संस्थाओं ने वेतन नहीं दिया, जिस वजह से अधिकांश ने नौकरी से तौबा कर लिया। रिक्त पद अभी भी जस के तस है।

वेबसाइट से प्रोफाइल गायब

अटल विश्वविद्यालय ने कुछ साल पहले सभी कालेजों को स्टाफ प्रोफाइल वेबसाइट पर सार्वजनिक करने कहा था। लेकिन, यह भी ठंडे बस्ते में चला गया। कालेजों को पोल खुलने का भय रहा। इससे फर्जी तरीके से नियुक्ति प्रक्रिया अपनाने और खानापूर्ति करने वाले संस्थाओं के नाम उजागर हो सकते थे। दोबारा इस ओर किसी भी जिम्मेदार अधिकारी ने ध्यान नहीं दिया।

इन मामलों में भी प्रबंधन हुआ फेल

प्राध्यापक को नौकरी से निकालने की सूचना विवि को देनी थी।

सभी प्राइवेट काालेजों को स्टाफ प्रोफाइल देना अनिवार्य था।

सैलरी खाते में ही ट्रांसफर करने कहा गया था।

इपीएफ और अन्य सुविधाएं देनी थी।

शिक्षकों के बैंक स्टेटमेंट की जानकारी भी प्रस्तुत करना था।

वर्जन

यूजीसी के धारा-28 में नियुक्ति का नियम लागू है। संबद्ध कालेजों को इसका पालन करने निर्देशित किया गया है। यदि कहीं दिक्कत है या नियमानुसार वेतन नहीं दिया जा रहा तो इसकी जांच करेंगे। एनईपी में गुणवत्ता युक्त शिक्षा हमारी प्राथमिकता है। प्राध्यापकों के संबंध में जानकारी लेता हूं।

 

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आचार्य अरुण दिवाकर नाथ वाजपेयी, कुलपति

अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय

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