दुर्ग। भिलाई के मैत्री बाग चिड़ियाघर में मादा सफेद बाघिन जया की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। वन विभाग के अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है। बाघिन का पोस्टमार्टम किया जा रहा है ताकि मौत के सटीक कारण का पता लगाया जा सके।
जया को रायपुर स्थित नंदन वन जू एंड सफारी से एक्सचेंज कार्यक्रम के तहत मैत्री बाग लाया गया था। अधिकारियों के अनुसार, जया कल तक पूरी तरह स्वस्थ और सक्रिय थी। प्रारंभिक जांच में उसके पेट में गंभीर इंफेक्शन होने की आशंका जताई जा रही है, जिसे मौत का संभावित कारण माना जा रहा है।
मैत्री बाग देश के प्रमुख सफेद बाघ संरक्षण केंद्रों में से एक है। वर्ष 1990 में ओडिशा के नंदन कानन जू से पहला सफेद बाघ जोड़ा यहां लाया गया था। तब से अब तक मैत्री बाग में कुल 19 सफेद बाघों का जन्म हो चुका है। इनमें से 13 बाघों को राजकोट, कानपुर, बोकारो, इंदौर, मुकुंदपुर और रायपुर सहित विभिन्न राज्यों के चिड़िड़ियाघरों में स्थानांतरित किया जा चुका है।
जया की मौत के बाद अब मैत्री बाग में सफेद बाघों की संख्या घटकर पांच रह गई है। देश में सफेद बाघों की कुल अनुमानित संख्या लगभग 160 है, जिनमें से 19 का योगदान अकेले मैत्री बाग का रहा है।
वन विभाग ने मामले की विस्तृत जांच के आदेश दे दिए हैं तथा पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की जानकारी साझा करने की बात कही है।