दुर्ग। बांग्लादेश में आयोजित कबड्डी वर्ल्ड कप में भारत की महिला टीम ने फाइनल मुकाबले में चीन को हराकर शानदार जीत हासिल की। इस जीत में छत्तीसगढ़ की उभरती खिलाड़ी संजू देवी यादव के बेहतरीन प्रदर्शन ने सभी का दिल जीत लिया। वर्ल्ड कप में दमदार खेल दिखाकर उन्होंने न केवल देश का गौरव बढ़ाया, बल्कि छत्तीसगढ़ को भी अंतरराष्ट्रीय मंच पर नई पहचान दिलाई।

झोपड़ी से वर्ल्ड स्टेज तक—संजू की प्रेरक यात्रा
कोरबा जिले के पास बसे छोटे से कस्बे कारेकसार की रहने वाली संजू देवी का सफर संघर्षों से भरा रहा है। दिहाड़ी मजदूर माता–पिता की बेटी होने के बावजूद उन्होंने अपने खेल के जज़्बे को कम नहीं होने दिया। मेहनत और लगन की बदौलत उन्होंने वर्ल्ड कप में शानदार प्रदर्शन करते हुए प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट का खिताब भी अपने नाम किया।
दुर्ग में हुआ भव्य स्वागत
विजय से लौटने के बाद संजू देवी दुर्ग लोकसभा सांसद और छत्तीसगढ़ कबड्डी संघ के संरक्षक विजय बघेल के निवास पहुँचीं। सांसद बघेल ने पुष्पगुच्छ और शुभकामनाओं के साथ उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।
“कबड्डी मिट्टी का खेल है” — विजय बघेल
सांसद बघेल ने इस अवसर पर कहा कि कबड्डी मूल रूप से मिट्टी और मेहनतकश लोगों का खेल है। उन्होंने बताया कि वे स्वयं और उनके भाई शशिकांत बघेल राष्ट्रीय स्तर पर कबड्डी खिलाड़ी रहे हैं, इसलिए वे समझ सकते हैं कि इस उपलब्धि की कितनी बड़ी अहमियत है।
संजू यादव ने भी अपनी यात्रा, संघर्ष और उपलब्धि से जुड़े अनुभव साझा किए।