रायपुर। राजधानी की मशहूर NITचौपाटी को बड़े आमानाका ब्रिज के नीचे शिफ्ट हुए तीन दिन हो गए हैं, लेकिन अब तक यहां एक भी दुकान नहीं खुली है। जल्दबाजी में की गई शिफ्टिंग के बाद बिजली, पानी और शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था नहीं की गई, जिससे व्यापारी परेशान हैं।
चौपाटी शिफ्टिंग की चर्चा पिछले एक साल से थी, लेकिन निगम ने केवल जगह खाली कराने पर ध्यान दिया और दुकानदारों की सुविधा को नजरअंदाज कर दिया। इस पर जब महापौर मीनल चौबे से बात की गई तो उन्होंने बताया कि एनआईटी के पास की चौपाटी स्मार्ट सिटी द्वारा थर्ड पार्टी के माध्यम से एग्रीमेंट कर अवैध रूप से बनाई गई थी। जुलाई से नोटिस दिया जा रहा था, लेकिन थर्ड पार्टी ने दुकानदारों को जानकारी ही नहीं दी। नालंदा लाइब्रेरी के निर्माण आदेश के बाद चौपाटी को 300 मीटर दूरी पर शिफ्ट किया गया।
महापौर ने बताया कि बिजली की व्यवस्था लगभग पूरी हो चुकी है और बाकी सुविधाएं भी जल्द उपलब्ध कराई जाएंगी। रेलवे की आपत्ति पर उन्होंने कहा कि निगम आयुक्त पहले ही डीआरएम से बात कर चुके थे, फिर भी रेलवे ने शिफ्टिंग के बाद आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा की जगहक अभी नगर निगम के कब्जे में हैं, रेलवे स्वतंत्र हैं वो चाहे तो कार्रवाई कर सकता हैं और पटवारी से सीमांकन करा सकता है। नई जगह की सुरक्षा के लिए थर्ड पार्टी द्वारा गार्ड व्यवस्था भी सुनिश्चित करने की बात कही गई है।