रायपुर: जिस डॉक्टर पर जिंदगी बचाने की जिम्मेदारी होती है, उसी उसी डॉक्टर पर हैवानियत और गुंडागर्दी जैसे आरोप अब लग रहे हैं। मामला राजधानी रायपुर के मित्तल हॉस्पिटल का है बता दें कि अस्पताल पर आयुष्मान कार्ड से मरीज का इलाज करने के बावजूद 3 लाख रुपए नकद वसूलने का आरोप पहले ही लग चुका है। इस मामले को प्रमुखता आज की जनधारा ने सामने लाया था। जिसके बाद रायपुर सीएमएचओ डॉ. मिथिलेश चौधरी ने अस्पताल पर 3 माह की कार्रवाई की अनुशंसा की बात कही थी। वहीं अब इस मामले में एक बड़ा खुलासा हुआ है जहां पर किराए के गुंडे हायर कर डराने धमकाने की बातें सामने आ रही है। पुलिस ने दो आरोपियों को इस मामले में गिरफ्तार भी किया है। जबकि एक आरोपी अभी भी फरार है।
पीड़ित पक्ष ने हॉस्पिटल प्रबंधन पर धमकाने और पीछा करने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। पीड़ित रोहन सिंह ने बताया कि उन्हें एक अंजान नंबर से कॉल आया। और आरोपी ने रोहन से डिलीवरी बॉय बन कर उससे बात की… रोहन के इन आरोपों के बाद जब आज की जनधारा की टीम ने आरोपी अज़हर अली से बात की तो पहले उन्होंने अपने ऊपर लगे सारे आरोपों को सिरे से नकार दिया. इस मामले में नया मोड़ उस वक़्त आय जब आरोपी अज़हर अली के ऊपर लगे सारे आरोप सही साबित हुए.
जब इस मामले में आज की जनधारा टीम ने मित्तल हॉस्पिटल से उसकी राय जननी चाही तो अस्पताल प्रबंधन व डॉक्टर सुमन मित्तल ने हमसे बात करने से भी इनकार कर दिया। इन सब चीजों को देखकर ऐसा लगता है कि कहीं ना कहीं इस मामले में मित्तल हॉस्पिटल की संलिप्तता है।
अब इस मामले को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है कांग्रेस नेता सुशील आनंद शुक्ला ने राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार में कोई भी सुख से नहीं है राजधानी में कोई हॉस्पिटल सुपारी किलिंग करवाने के लिए धमकी दे रहे है अपराधी खुलेआम घूम रहा है जनता रो रही है परेशान है तो यह सरकार की नाकामी की वजह से हुआ है।
देखने ये होगा क्या अब पुलिस इस मामले को गंभीरता से लेती हैं और क्या राजधानी में जो हॉस्पिल माफिया एक्टिव हो रहा इस पर कोई लगाम लगाई जाती हैं ? साथ ही सबसे बड़ा सवाल क्या पीड़ित पक्ष को इंसाफ मिलता हैं ?