रायपुर। छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि आने वाला समय इनोवेशन और स्टार्टअप्स का युग है। युवा अगर नई सोच और तकनीकी नवाचार के साथ आगे बढ़ें, तो भारत विश्व की सबसे तेज़ी से विकसित होती अर्थव्यवस्था बन सकता है।

वे सोमवार को श्री शंकराचार्य इंस्टीट्यूट, रायपुर में आयोजित वार्षिक कार्यक्रम ‘समावय-25’ में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने इंजीनियरिंग छात्रों, फैकल्टी और इनोवेटर्स को संबोधित करते हुए कहा कि ऐसे टेक्निकल और कल्चरल इवेंट युवाओं को नई दिशा देते हैं और उनमें क्रिएटिविटी, इनोवेशन और उद्यमिता की भावना जगाते हैं।
युवा ही नया भारत बना सकते हैं : ओपी चौधरी
मंत्री चौधरी ने कहा, “युवा ही नया भारत बना सकते हैं। आने वाले 10 वर्ष देश की अर्थव्यवस्था के लिए स्वर्णिम अवसर हैं। हमें तैयार रहना होगा और इस बदलाव के भागीदार बनना होगा। इनोवेटिव बनें, नई सोच के साथ आगे बढ़ें।”

उन्होंने श्री शंकराचार्य इंस्टीट्यूट के IDEA लैब की सराहना की, जहाँ विद्यार्थी डिज़ाइन थिंकिंग, प्रोटोटाइप डेवलपमेंट और प्रॉब्लम-बेस्ड लर्निंग के माध्यम से व्यवहारिक शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह प्रयास छात्रों को “जॉब सीकर्स” नहीं बल्कि “जॉब क्रिएटर्स” बनने की दिशा में प्रेरित करेगा।
संस्था नवाचार और उद्यमिता को दे रही नई पहचान
इस अवसर पर संस्थान के निदेशक आई.पी. मिश्रा ने कहा कि SSIPMT रायपुर एक अग्रणी तकनीकी शिक्षण संस्थान है, जो नवाचार, कौशल विकास और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। विभिन्न प्रोजेक्ट्स और रिसर्च गतिविधियों के माध्यम से यह संस्था छात्रों को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार कर रही है।
हैकथन “नवोन्मेष” के विजेताओं का सम्मान
कार्यक्रम में नेशनल लेवल हैकथन “नवोन्मेष” के विजेताओं को भी सम्मानित किया गया।
- पहला पुरस्कार (₹1 लाख) – बीआईटी दुर्ग
- दूसरा पुरस्कार (₹75 हजार) – एक्रोपोलिस, इंदौर
- तीसरा पुरस्कार (₹50 हजार) – श्री शंकराचार्य इंस्टीट्यूट, रायपुर
इसके अलावा पुणे, मुंबई और इंदौर के कॉलेजों की 5 टीमों को ₹10,000 के सांत्वना पुरस्कार दिए गए।
संस्थान के चेयरमैन (बीजी) निशांत त्रिपाठी ने बताया कि समावय-25 के अंतर्गत 4 दिवसीय कार्यक्रम में टेक्निकल हैकथन, एचआर कॉनक्लेव, स्पोर्ट्स और कल्चरल इवेंट्स आयोजित किए जा रहे हैं। इसका उद्देश्य छात्रों को उद्योग जगत की वास्तविक आवश्यकताओं के अनुरूप तैयार करना है।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. सीमा अरोरा, ज्योति वर्मा, अनय जोशी और टीम ने किया।