रायपुर। रायपुर पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। अवैध सूदखोरी रंगदारी मारपीट तथा हत्या की कोशिश जैसे गंभीर अपराधों में वांछित हिस्ट्रीशीटर वीरेंद्र सिंह तोमर उर्फ रूबी तोमर को मध्यप्रदेश के ग्वालियर से गिरफ्तार कर लिया गया। पुरानी बस्ती थाना तथा क्राइम ब्रांच की संयुक्त टीम ने गुप्त सूचना पर दबिश देकर उसे पकड़ा। आरोपी को सड़क मार्ग से रायपुर लाया जा रहा है जहां उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा।
गिरफ्तारी से पहले की स्थिति
वीरेंद्र तोमर तथा उसके भाई रोहित तोमर पिछले पांच महीनों से फरार चल रहे थे। दोनों के खिलाफ जून 2025 में तेलीबांधा तथा पुरानी बस्ती थानों में सात मामले दर्ज हुए जिनमें धोखाधड़ी जबरन वसूली धमकी तथा छत्तीसगढ़ ऋणियों संरक्षण अधिनियम के उल्लंघन शामिल हैं। पुलिस ने दोनों पर पांच पांच हजार रुपये का इनाम घोषित किया था। गिरफ्तारी से बचने के लिए भाईयों ने उत्तरप्रदेश दिल्ली राजस्थान तथा मध्यप्रदेश में ठिकाने बदलते रहे। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने नवंबर 2025 में उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी हालांकि पत्नियों तथा भतीजे को राहत मिली। वीरेंद्र पर 2006 से अब तक 16 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं जिनमें आर्म्स एक्ट तथा ब्लैकमेलिंग शामिल हैं।
गिरफ्तारी के बाद की स्थिति
ग्वालियर के विंडसर हिल क्षेत्र में सहयोगी के घर छिपे वीरेंद्र को पुलिस ने घेराबंदी कर दबोचा। गिरफ्तारी के बाद की पहली तस्वीरें सामने आईं जिनमें वह बनियान तथा लोअर में पुलिस कस्टडी में नजर आ रहा है। चेहरे पर मायूसी तथा दाढ़ी बढ़ी हुई दिख रही है। पुलिस उसे रायपुर लाकर कोर्ट में पेश करने की तैयारी कर रही है। भाई रोहित तोमर अभी भी फरार है तथा उसकी तलाश जारी है। पुलिस सूत्रों के अनुसार वीरेंद्र से पूछताछ में रोहित के ठिकाने की जानकारी मिल सकती है।
तोमर बंधु लंबे समय से रायपुर में सूदखोरी के धंधे में सक्रिय थे। वे कर्जदारों से मूलधन से कई गुना ब्याज वसूलते तथा न देने पर मारपीट करते थे। पुलिस ने उनके परिजनों के ठिकानों से करोड़ों की संपत्ति जब्त की थी। इस गिरफ्तारी से पीड़ितों में राहत की लहर है।