छत्तीसगढ़ सरकार ने संपत्ति के बाजार मूल्य निर्धारण के 25 वर्ष पुराने जटिल नियमों में व्यापक सुधार किया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर जारी नए उपबंधों से रजिस्ट्री प्रक्रिया सरल होगी तथा भ्रम, विसंगतियां और अतिरिक्त शुल्क समाप्त होंगे।
पंजीयन मंत्री ओपी चौधरी के मार्गदर्शन में पुराने 77 प्रावधानों को घटाकर मात्र 14 सरल प्रावधान किए गए हैं। सभी प्रकार की भूमि के लिए एक समान मूल्यांकन मानक लागू होगा। हेक्टेयर दर की सीमा 0.14 हेक्टेयर तथा निर्मित संरचनाओं के लिए केवल 8 दरें निर्धारित की गई हैं।
दो फसली भूमि, नलकूप, बाउंड्रीवाल आदिजैसे अलग-अलग वृद्धि कारकों को हटाया गया है। डायवर्टेड और नजूल भूमि पर अतिरिक्त मूल्य नहीं लगेगा। नए मोहल्ले या कॉलोनी के लिए अलग से गाइडलाइन दर निर्धारित होगी। मानवीय हस्तक्षेप कम करने हेतु पूरी प्रक्रिया सॉफ्टवेयर आधारित होगी।
वहीं गाइडलाइन दरों में प्रस्तावित वृद्धि का मामला लंबित है। आठ महीने पहले शुरू सर्वे के बावजूद जिला समितियों द्वारा प्रस्तावित डेढ़ से दोगुनी वृद्धि पर निर्णय नहीं हुआ है। फिलहाल सात वर्ष पुरानी दरें ही लागू हैं।