बिलासपुर, 07 नवंबर 2025: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के जस्टिस रविंद्र अग्रवाल ने प्राचार्य प्रमोशन के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दी है। इस फैसले के बाद प्रदेश के 1478 व्याख्याताओं के प्राचार्य बनने का मार्ग साफ हो गया है।

याचिका और विवाद
प्रमोशन से असंतुष्ट कुछ शिक्षकों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसके चलते प्राचार्य पोस्टिंग रोक दी गई थी। इस इंतजार में 126 व्याख्याता रिटायर हो गए। अब शिक्षक संघ ने रिटायर साथियों को भी वित्तीय लाभ देने की मांग की है।
पदोन्नति प्रक्रिया
- अप्रैल 2025 में राज्य शासन ने ई-संवर्ग के व्याख्याताओं को प्राचार्य पद पर प्रमोशन देने की प्रक्रिया शुरू की थी।
- वरिष्ठता सूची का परीक्षण कर 30 अप्रैल 2025 को कुल 1478 प्राचार्य की पदोन्नति सूची जारी की गई।
- प्रमोशन को चुनौती देने वाली याचिकाओं में 2019 और 2025 की विभिन्न योग्यता-संबंधी मुद्दों का उल्लेख था।
हाईकोर्ट का रुख
- पहले कोर्ट के आदेशों के बावजूद कई शिक्षकों को प्रमोट कर ज्वाइन कराया गया, जिसे कोर्ट ने अमान्य करार दिया।
- डिवीजन बेंच ने लंबी सुनवाई के बाद प्रमोशन पर लगाई गई रोक हटा दी।
- सिंगल बेंच ने गुरुवार, 6 नवंबर, को शिक्षक नारायण प्रकाश तिवारी की याचिका खारिज करते हुए शासन के पक्ष में आदेश दिया।
शिक्षक संघ की मांग
छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने कहा कि:
- 1478 ई व टी संवर्ग के प्राचार्य की पोस्टिंग प्रक्रिया तुरंत शुरू की जाए।
- अविलंब काउंसिलिंग कर उन्हें स्कूलों में पदस्थ किया जाए।
- 126 रिटायर हुए व्याख्याताओं को सभी वित्तीय लाभ दिए जाएँ।
निष्कर्ष
अब हाईकोर्ट के आदेश के बाद प्राचार्य प्रमोशन की प्रक्रिया पूरी तरह से आगे बढ़ेगी, और लंबे समय से रुकी पोस्टिंग प्रक्रिया को तुरंत लागू किया जाएगा। शिक्षक संघ ने प्रशासन से आग्रह किया है कि रिटायर हुए साथियों का भी न्याय सुनिश्चित किया जाए।