मनेंद्रगढ़। छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़ में साल भर पहले हुई पत्रकार रईस अहमद हत्याकांड में अदालत ने मंगलवार को अहम फैसला सुनाया। अपर सत्र न्यायाधीश विवेक कुमार तिवारी की अदालत ने मृतक की पत्नी और उसके प्रेमी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। आरोपियों ने एक नाबालिग की मदद से पत्रकार की हत्या की थी। नाबालिग का प्रकरण बाल न्याय बोर्ड में विचाराधीन है। यह वारदात 16 मई 2024 को ग्राम पंचायत चनवारीडांड, मनेंद्रगढ़ कोतवाली क्षेत्र में हुई थी।
प्रेम प्रसंग में रची गई हत्या
जांच में सामने आया कि मृतक की पत्नी का अपने प्रेमी के साथ अवैध संबंध था। पति को रास्ते से हटाने के लिए पत्नी ने अपने प्रेमी और नाबालिग की मदद ली। तीनों ने मिलकर हत्या की योजना बनाई और पत्रकार को घर में ही मौत के घाट उतार दिया। इस घटना ने इलाके में सनसनी फैला दी थी।
गिरफ्तारी और जांच
हत्याकांड के दो दिन बाद, 18 मई 2024 को प्रेमी आरजू खान को मध्य प्रदेश के ब्योहारी से गिरफ्तार किया गया। वह झारखंड का रहने वाला था और घटना के बाद गुजरात भागने की फिराक में था। पूछताछ में उसने अपराध स्वीकार किया।
करीब डेढ़ साल चली जांच और सुनवाई के बाद, अदालत ने तय किया कि अभियोजन द्वारा प्रस्तुत सबूतों से स्पष्ट है कि दोनों आरोपियों ने मिलकर हत्या की योजना बनाई और उसे अंजाम दिया। अदालत ने दोनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई, जबकि नाबालिग का मामला अलग से विचाराधीन रहेगा।