बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में मंगलवार को एक दर्दनाक रेल हादसा हुआ, जहां कोरबा पैसेंजर ट्रेन और मालगाड़ी आमने-सामने टकरा गईं। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि कई डिब्बे क्षतिग्रस्त हो गए। हादसे की जानकारी मिलते ही रेलवे अधिकारी और राहत-बचाव दल मौके पर पहुंच गए। घायलों को एंबुलेंस की मदद से अस्पताल भेजा गया है। शुरुआती जानकारी के अनुसार, पैसेंजर ट्रेन गेवरा से बिलासपुर की ओर आ रही थी, जबकि मालगाड़ी बिलासपुर से रवाना हुई थी। इस हादसे ने एक बार फिर छत्तीसगढ़ में रेल सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
राज्य में लगातार हो रहे हादसे चिंता का विषय
छत्तीसगढ़ में पिछले कुछ महीनों में रेल हादसों की संख्या लगातार बढ़ी है। वर्ष 2025 में अब तक तीन से अधिक रेल हादसे दर्ज किए जा चुके हैं। हालांकि अधिकतर हादसों में बड़ी जनहानि नहीं हुई, लेकिन यात्रियों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है। प्रत्येक हादसे के बाद रेलवे प्रशासन लापरवाही या तकनीकी खामी को जिम्मेदार ठहराता है, फिर भी ऐसी घटनाओं का सिलसिला थम नहीं रहा।
मड़वारानी में बड़ा हादसा टला
अक्टूबर 2025 में कोरबा जिले के मड़वारानी स्टेशन के पास एक बड़ा हादसा टल गया था। छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस के पहियों के बीच अचानक एक भारी लोहे का एंगल फंस गया था। ट्रेन रुकते ही यात्रियों में अफरातफरी मच गई। रेलवे कर्मचारियों ने गैस कटर की मदद से घंटों की मशक्कत के बाद एंगल को हटाया। यदि थोड़ी देर और होती, तो बड़ा हादसा हो सकता था।
रेल पटरी पर बैठे युवकों की मौत
जून 2025 में दल्लीराजहरा-कुसुमकसा रेलवे लाइन पर पांच युवकों के साथ दर्दनाक हादसा हुआ था। रेल पटरी के किनारे बैठे ये युवक थकान के चलते पटरी पर ही सो गए थे। अचानक ट्रेन आने से दो युवकों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो अन्य गंभीर रूप से घायल हुए। यह घटना चेतावनी है कि लापरवाही कभी-कभी जानलेवा साबित हो सकती है।
चलती ट्रेन में आग लगने से मचा हड़कंप
अप्रैल 2025 में बीकानेर से बिलासपुर जा रही ट्रेन में अचानक आग लग गई थी। हादसा मध्य प्रदेश के उज्जैन के पास हुआ था। आग इतनी तेजी से फैली कि दो डिब्बे पूरी तरह जलकर राख हो गए। हालांकि फायर ब्रिगेड की त्वरित कार्रवाई से आग पर काबू पा लिया गया और किसी की जान नहीं गई। इस घटना ने एक बार फिर ट्रेन सुरक्षा व्यवस्था की कमजोरियों को उजागर किया।
गलत सिग्नल से ट्रेन पहुंची कोयला खदान में
मई 2025 में कोरबा जिले में एक हैरान करने वाली घटना सामने आई थी। बिलासपुर से कोरबा जा रही मेमू लोकल ट्रेन गलत सिग्नल के चलते सीधी कोयला खदान की लोडिंग साइडिंग पर पहुंच गई। यात्रियों को तब झटका लगा जब ट्रेन अपने निर्धारित स्टेशन की बजाय खदान के भीतर जा पहुंची। बाद में रेलवे ने तुरंत कार्रवाई करते हुए ट्रेन को वापस बुलाया। यह लापरवाही किसी बड़े हादसे में बदल सकती थी।
छत्तीसगढ़ में लगातार हो रहे ऐसे हादसे इस बात की ओर इशारा करते हैं कि रेलवे प्रशासन को अब केवल कार्रवाई नहीं, बल्कि ठोस सुधारात्मक कदम उठाने की जरूरत है ताकि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।