पटना। मोकामा विधानसभा क्षेत्र में 30 अक्टूबर को हुई दुलारचंद यादव की हत्या के मामले में पटना पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। पूर्व विधायक और जदयू उम्मीदवार अनंत सिंह को देर रात बाढ़ के कारगिल चौक स्थित उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया गया। उनके साथ मणिकांत ठाकुर और रंजीत राम को भी हिरासत में लिया गया। पटना एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में अनंत सिंह को मुख्य आरोपी बताया।
गिरफ्तारी की पूरी प्रक्रिया
पुलिस को सूचना मिली थी कि अनंत सिंह सरेंडर करने की तैयारी कर रहे हैं। एसएसपी के नेतृत्व में करीब 150 पुलिसकर्मियों की टीम रात में उनके घर पहुंची। अनंत सिंह पहले से तैयार थे और बिना किसी विरोध के सफेद स्कॉर्पियो गाड़ी में बैठकर पटना के लिए रवाना हो गए। समर्थकों ने कोई हंगामा नहीं किया। उन्हें पटना लाकर डीआईयू सेल में रखा गया। रात में जेल शिफ्ट किया जाएगा और रविवार सुबह मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जाएगा।
मामले की पृष्ठभूमि
घटना मोकामा ताल क्षेत्र में हुई, जहां जन सुराज उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी के लिए प्रचार कर रहे दुलारचंद यादव पर हमला हुआ। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार मौत कार्डियोरेस्पिरेटरी फेल्योर से हुई, जो कुंद वस्तु से चोट लगने के कारण सदमा था। मृतक के पोते ने अनंत सिंह सहित चार लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज कराई। जन सुराज उम्मीदवार ने छह लोगों पर मुकदमा किया, जबकि पुलिस ने स्वतः संज्ञान में अलग एफआईआर दर्ज की। कुल तीन एफआईआर दर्ज हुईं। अब तक 83 से अधिक गिरफ्तारियां हो चुकी हैं।
चुनाव आयोग की सख्ती
निर्वाचन आयोग के दबाव में गिरफ्तारी हुई। आयोग ने पटना ग्रामीण एसपी विक्रम सिहाग सहित चार अधिकारियों का तबादला किया। बाढ़-1 और घोसवरी थानाध्यक्ष निलंबित, जबकि बाढ़-2 एसडीपीओ अभिषेक सिंह को सस्पेंड किया गया। मोकामा में अतिरिक्त बल तैनात, सभी लाइसेंसी हथियार जमा करने के आदेश। राजद उम्मीदवार वीणा देवी, अनंत सिंह और पीयूष प्रियदर्शी को अतिरिक्त सुरक्षा दी गई।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
जन सुराज उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी ने गिरफ्तारी को स्वागतयोग्य बताया, लेकिन देरी पर सवाल उठाए। अनंत सिंह ने गिरफ्तारी के बाद सोशल मीडिया पर लिखा, “सत्यमेव जयते। अब मोकामा की जनता चुनाव लड़ेगी।” विपक्ष ने सरकार पर कानून-व्यवस्था की नाकामी का आरोप लगाया।
मामले की जांच सीआईडी को सौंपी गई है। पुलिस छापेमारी जारी रखे हुए है।