राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में तमाम उपायों के बावजूद वायु प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। दिल्ली के कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 के पार पहुंच गया है, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है। वहीं, गाजियाबाद, नोएडा और गुरुग्राम जैसे एनसीआर क्षेत्रों में भी हवा की गुणवत्ता बेहद खराब बनी हुई है।
दिवाली के बाद से प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, गुरुवार को आनंद विहार में AQI 409 दर्ज किया गया, जबकि लोधी रोड पर 325 और इंडिया गेट क्षेत्र में 319 रहा। ये सभी स्थान ‘बेहद खराब’ से ‘गंभीर’ श्रेणी में आते हैं। ITO और करोलबाग जैसे व्यस्त इलाकों में भी हवा की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
आसमान में छाई धुंध, लोगों को सांस लेने में दिक्कत
राजधानी में धुंध और धुएं की परत छाई हुई है, जिससे दृश्यता प्रभावित हो रही है। प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों को घर से बाहर निकलते समय मास्क पहनने की सलाह दी है। वहीं, नगर निगम और पर्यावरण विभाग की टीमें प्रभावित इलाकों में पानी का छिड़काव कर रही हैं।
GRAP के स्टेज 2 तक लागू, सुधार की संभावना कम
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण नियंत्रण के लिए ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के स्टेज 1 और 2 लागू हैं। बुधवार को दिल्ली का औसतन AQI 273 दर्ज किया गया था, जो ‘खराब’ श्रेणी में था, जबकि मंगलवार को यह 305 था। मौसम विभाग के अनुसार, अगले कुछ दिनों तक हवा की गुणवत्ता में विशेष सुधार की संभावना नहीं है।
वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए जारी हैं प्रयास
केंद्र और राज्य सरकारें राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) के तहत वायु प्रदूषण को कम करने के लिए विभिन्न उपाय कर रही हैं। इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन, पराली प्रबंधन और औद्योगिक प्रदूषण पर निगरानी जैसे कदम जारी हैं। दिल्ली में एमसीडी की ओर से कई इलाकों में पानी का छिड़काव और सड़क सफाई अभियान चलाया जा रहा है।
पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि अगर AQI 401 से 500 के बीच पहुंचता है तो स्थिति ‘गंभीर’ मानी जाती है, जो सीधे तौर पर लोगों के स्वास्थ्य पर प्रभाव डालती है। ऐसे में आवश्यक है कि लोग व्यक्तिगत सावधानी बरतें और प्रशासन प्रदूषण नियंत्रण उपायों को और सख्ती से लागू करे।