मोंथा’ के असर से प्रभावित छत्तीसगढ़, फसल और जनजीवन दोनों पर पड़ा असर

रायपुर। प्रदेश में चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ के असर से हो रही बारिश ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है। सालभर की मेहनत के बाद जब धान की फसल पककर तैयार हुई, उसी समय बारिश और तेज हवाओं ने फसल को नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया है। कई जगह खेतों में पानी भरने से कटाई का काम प्रभावित हुआ है, जबकि खलिहानों में रखा धान भीगकर खराब होने लगा है। किसानों ने प्रशासन से नुकसान की स्थिति को देखते हुए सहायता की मांग की है।

तेज हवा और बारिश के कारण सूरजपुर सहित कई जिलों में किसान चिंतित हैं। किसानों का कहना है कि बारिश ने उनकी फसल बर्बाद कर दी है, जिससे परिवार की आजीविका पर संकट मंडरा रहा है।

मौसम विभाग ने कोरिया, सूरजपुर, बलरामपुर, जशपुर, सरगुजा, रायगढ़, बिलासपुर और गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिलों में यलो अलर्ट जारी किया है। विभाग के अनुसार, इन जिलों में गरज-चमक के साथ तेज बारिश की संभावना है।

उधर, बस्तर क्षेत्र में चक्रवात के प्रभाव से मौसम ठंडा बना हुआ है। दंतेवाड़ा, बीजापुर, जगदलपुर, सुकमा और नारायणपुर में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई है। तूफान के कारण ओडिशा और आंध्र प्रदेश तक जाने वाली दो यात्री ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं, जबकि दो अन्य को शॉर्ट टर्मिनेट किया गया है।

वाल्टेयर रेलमंडल ने यात्रियों की सुविधा के लिए हेल्पडेस्क स्थापित किया है। जगदलपुर स्टेशन पर बनाए गए हेल्प डेस्क के लिए हेल्पलाइन नंबर 08912884714 और 08912884715 जारी किए गए हैं, जिन पर यात्री जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले 24 घंटों तक प्रदेश के कई हिस्सों में मौसम बदला रहेगा, जिसके बाद स्थिति सामान्य होने की संभावना है। किसानों को सलाह दी गई है कि वे फसल को बारिश से बचाने के उपाय करें और कटाई के बाद धान को सुरक्षित स्थान पर रखें।

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