राजस्थान की जयपुर सेशन कोर्ट ने डिप्टी सीएम दिया कुमारी को ब्लैकमेल करने के मामले में आरोपी पत्रकार आनंद पांडे, हरीश दिवेकर और जिनेश जैन की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। अदालत ने कहा कि गंभीर आरोपों वाले इस प्रकरण में फिलहाल किसी भी आरोपी को राहत नहीं दी जा सकती। इसके साथ ही तीनों आरोपियों की गिरफ्तारी की संभावना बढ़ गई है।
आरोपियों का पक्ष और अदालत का निर्णय
आरोपियों की ओर से दायर याचिका में कहा गया था कि उन पर लगाए गए आरोप झूठे और गलत हैं। उनका दावा था कि पुलिस ने परिवादी से मिलीभगत कर राजनीतिक दबाव में उन्हें मामले में शामिल किया है। उन्होंने कहा कि वे परिवादी को नहीं जानते और केवल निष्पक्ष व तथ्यात्मक रिपोर्टिंग कर रहे थे, इसलिए अग्रिम जमानत दी जाए।
हालांकि, अदालत ने इन दलीलों को अस्वीकार करते हुए अग्रिम जमानत अर्जी को खारिज कर दिया।
पुलिस जांच और आरोप
पुलिस जांच में सामने आया है कि आरोपियों ने डिप्टी सीएम दिया कुमारी के खिलाफ झूठी खबरें प्रसारित न करने के बदले पांच करोड़ रुपये की मांग की थी। पुलिस का कहना है कि इस ब्लैकमेलिंग से जुड़ी वीडियो रिकॉर्डिंग भी उसके पास मौजूद है। जांच में यह भी पता चला कि आरोपियों ने कथित रूप से “ऑपरेशन डिस्ट्रॉय दिया कुमारी” नाम से एक योजना बनाई थी, जिसके तहत उनके खिलाफ साजिश रचने और छवि धूमिल करने की कोशिश की जा रही थी।
जयपुर पुलिस की कार्रवाई
जयपुर पुलिस इससे पहले तीनों आरोपियों को भोपाल से पूछताछ के लिए जयपुर लेकर आई थी, लेकिन उस समय उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया था। अब अदालत द्वारा अग्रिम जमानत याचिका खारिज किए जाने के बाद पुलिस के पास गिरफ्तारी का रास्ता साफ हो गया है।
सियासी हलचल तेज
सेशन कोर्ट के इस फैसले के बाद मामला एक बार फिर राजस्थान की सियासत में चर्चा का विषय बन गया है। सत्तारूढ़ दल के भीतर इसे लेकर प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं, जबकि विपक्ष ने सरकार और पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। सूत्रों के अनुसार, पुलिस अब आरोपियों की गिरफ्तारी की तैयारी में जुटी है।