रायपुर। छत्तीसगढ़ में ड्राइवर महासंघ ने आज से “स्टेयरिंग छोड़ो, चक्का जाम आंदोलन” शुरू कर दिया है। महासंघ ने अपनी 11 सूत्रीय मांगों पर सरकार को अल्टीमेटम दिया है कि यदि जल्द निर्णय नहीं लिया गया तो अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रहेगी। आंदोलन के कारण यात्री एवं मालवाहक वाहन सड़कों से हट गए हैं, जिससे पूरे प्रदेश में परिवहन और आपूर्ति व्यवस्था प्रभावित हो रही है।राजधानी रायपुर सहित बिलासपुर, दुर्ग, कोरबा, जांजगीर, अंबिकापुर और बस्तर क्षेत्रों में भी आंदोलन का असर देखा जा रहा है। बस स्टैंडों पर सन्नाटा है और ट्रक टर्मिनलों में वाहनों को खड़ा कर दिया गया है।
मुख्य मांगें
महासंघ ने राज्य सरकार के समक्ष निम्नलिखित प्रमुख मांगें रखी हैं:
राज्य में शराबबंदी लागू की जाए।
ड्राइवर आयोग का गठन किया जाए। ड्राइवरों को बीमा और पेंशन सुविधा दी जाए।
दुर्घटनाओं में घायल या मृत ड्राइवरों को सरकारी सहायता राशि मिले।
परिवहन प्रक्रिया सरल की जाए और अनावश्यक चालान समाप्त किए जाएं।
ड्राइवर कल्याण कोष बनाया जाए और स्वास्थ्य बीमा कार्ड दिए जाएं।
टोल टैक्स में छूट व पार्किंग शुल्क का नियमन किया जाए।
विश्राम गृह (राहत केंद्र) का निर्माण कराया जाए।प्रदेशभर में परिवहन सेवाएं प्रभावित
चक्का जाम के कारण बसें, ट्रक, टैक्सी और ऑटो सेवाएं ठप हो गई हैं। मालवाहक वाहनों के बंद रहने से आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित हो रही है और कई जिलों में किराना एवं सब्जियों की सप्लाई में देरी की आशंका जताई जा रही है।
महासंघ का बयान
महासंघ के पदाधिकारियों ने कहा कि “हमने कई बार सरकार को अपनी मांगें बताई हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। जब तक लिखित आश्वासन नहीं मिलता, आंदोलन जारी रहेगा।”
प्रशासन अलर्ट पर
आंदोलन को देखते हुए प्रशासन ने वैकल्पिक परिवहन व्यवस्था की तैयारी की है। हालांकि, रायपुर और अन्य शहरों में यात्रियों को गंभीर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और बस स्टैंड तथा ट्रक टर्मिनलों पर सन्नाटा पसरा हुआ है।