‘सरकार में भी रावण है’… पूर्व केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह का बयान, तो कांग्रेस ने पूछा- बताइए कौन हैं ..?

‘सरकार में भी रावण है’… पूर्व केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह का बयान, कांग्रेस ने कहा- बताइए कौन है रावण

रायपुर। पूर्व केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह ने दशहरा पर्व पर आयोजित कार्यक्रम में सरकार में भी रावण है दिए गए बयान पर छत्तीसगढ़ की राजनीति गरमा गई है। इस बयान पर विपक्षी नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। बता दें, रावण दहन के दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, हम हर साल रावण जलाते हैं, लेकिन रावण कभी मरता नहीं। हमारे मन में भी रावण है, घर में भी रावण है और सरकार में भी रावण है। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री के बयान ने जहां एक ओर सियासी तूफान खड़ा कर दिया है, तो दूसरी ओर विपक्षी पार्टी ने इस बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। कांग्रेस विधायक अटल श्रीवास्तव ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि, जब भाजपा की वरिष्ठ आदिवासी नेता कह रही है कि, सरकार में रावण है तो, मतलब साफ है, सरकार में सच में बुराई है। उन्होंने आगे कहा कि सरकार दिल्ली की कठपुतली बनकर रह गई है और आम जनता त्रस्त है।

पूर्व विधायक गुलाब कमरो ने तंज कसा और सवाल उठाया कि अगर समाज में रावण है, तो वह किसके संरक्षण में पनप रहा है। विवाद बढ़ने पर भाजपा विधायक सुनील सोनी ने रेणुका सिंह का समर्थन करते हुए कहा कि उनका आशय अहंकार से नहीं था। विजयादशमी का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है और रेणुका सिंह ने आत्ममंथन की बात कही है।

पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने भी बयान पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि रावण के दस सिर अहंकार, क्रोध और लालच जैसी बुराइयों के प्रतीक हैं। यदि रेणुका सिंह ने कहा कि सरकार में रावण है, तो इसका अर्थ इन बुराइयों को समाप्त करना है। यह विषय केवल उनका नहीं, बल्कि हर जनप्रतिनिधि और व्यक्ति के आत्ममंथन का है।

उन्होंने आरोप लगाया कि आदिवासी क्षेत्रों की जमीन, जंगल और खनिज संसाधन बेचे जा रहे हैं और आदिवासियों का हित पूरी तरह से नजरअंदाज किया जा रहा है। रेणुका सिंह की अंतरात्मा जागी है, उन्होंने सच्चाई बोली है। सरकार दिल्ली की कठपुतली बनकर रह गई है, और आम जनता त्रस्त है।

वहीं भरतपुर-सोनहत के पूर्व विधायक गुलाब कमरो ने भी तंज कसते हुए कहा, अगर सरकार में रावण है, तो बताइए कि वह कौन है जो जनता का हक निगल रहा है? और अगर समाज में रावण पल रहा है, तो वह किसके संरक्षण में पनप रहा है?

विवाद गहराने पर भाजपा विधायक सुनील सोनी ने रेणुका सिंह का बचाव करते हुए कहा कि उनका आशय अहंकार से था। विजयादशमी का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। उन्होंने आत्ममंथन की बात की है कि हमारे भीतर का रावण समाप्त होना चाहिए। इसे गलत तरीके से प्रस्तुत किया जा रहा है।

रमन सिंह ने भी दी प्रतिक्रिया

पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने भी बयान पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि, रावण के दस सिर थे, अहंकार, क्रोध, लालच जैसी बुराइयों के प्रतीक। यदि रेणुका सिंह ने कहा कि सरकार में रावण है, तो इसका आशय यही हो सकता है कि इन बुराइयों को खत्म करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि यह विषय केवल रेणुका सिंह का नहीं, बल्कि हर जनप्रतिनिधि और व्यक्ति के आत्ममंथन का है।

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