रायपुर। बहुचर्चित बिरनपुर हत्याकांड की जांच पूरी कर सीबीआई ने अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी है। चार्जशीट में विस्तृत रूप से घटना विवरण और जांच के निष्कर्ष दर्ज किए गए हैं। अब इस मामले में गवाहों के बयान कोर्ट में दर्ज होंगे और गवाही पूरी होने के बाद अदालत अंतिम फैसला सुनाएगी।

राजनीतिक साजिश से किया इनकार
सीबीआई की चार्जशीट में यह स्पष्ट किया गया है कि बिरनपुर कांड किसी भी तरह का राजनीतिक हत्याकांड नहीं था। जांच में किसी भी राजनीतिक षड्यंत्र या साजिश के सबूत सामने नहीं आए हैं। चार्जशीट में अंजोर यदु की किसी भी तरह की भूमिका का उल्लेख नहीं किया गया है, जबकि भाजपा विधायक ईश्वर साहू लगातार उन पर संलिप्तता के आरोप लगाते रहे हैं।
क्या था बिरनपुर हत्याकांड?
घटना 8 अप्रैल 2023 को हुई थी, जब गांव में दो गुटों के बीच विवाद के दौरान भुनेश्वर साहू की हत्या कर दी गई। मामूली बच्चों की मारपीट से शुरू हुआ विवाद इतना बढ़ा कि हालात बेकाबू हो गए। झगड़े के बाद कुछ घरों में आगजनी भी हुई।
इसके दो दिन बाद गांव में फिर से हिंसा भड़की और रहीम (55) व उसके बेटे ईदुल मोहम्मद (35) की हत्या कर दी गई। हालात को काबू में करने के लिए प्रशासन को धारा 144 लागू करनी पड़ी और लगभग दो हफ्तों तक गांव में कर्फ्यू लगा रहा। भुनेश्वर की हत्या के मामले में पुलिस ने 12 लोगों को गिरफ्तार किया था।
कैसे पहुंची जांच CBI तक?
विधानसभा में गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा था कि जिनके खिलाफ ठोस सबूत मिले, वे जेल में हैं और बाकी की विवेचना जारी है। जब विधायक ईश्वर साहू ने न्याय की मांग दोहराई, तब गृहमंत्री ने इसे “पराक्रमी पिता का दर्द” बताते हुए मामले की सीबीआई जांच की घोषणा की थी।
बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर के सवाल पर मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया था कि सीबीआई जांच केवल भुनेश्वर साहू की हत्या तक सीमित रहेगी।
घोषणा के बाद 27 अप्रैल 2024 को सीबीआई की टीम पहली बार बिरनपुर पहुंची। टीम ने बेमतरा, साजा और बिरनपुर जाकर स्थानीय प्रशासन से चर्चा की और पुलिस विवेचना की फाइलें खंगालीं। इसके बाद सभी पहलुओं की नए सिरे से जांच शुरू हुई और अब विस्तृत चार्जशीट अदालत में दाखिल कर दी गई है।