रायपुर। शारदीय नवरात्र के पावन अवसर पर जहां भक्त मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना कर सुख-समृद्धि की कामना कर रहे हैं, वहीं राजधानी रायपुर की नायब तहसीलदार ज्योति सिंह व्रत और जिम्मेदारी दोनों को समान रूप से निभा रही हैं।
ज्योति सिंह नवरात्र के नौ दिनों तक उपवास रखकर भी राजस्व कार्यों को पूरा करने में जुटी हैं। आमतौर पर सरकारी कार्यालयों का कामकाजी समय सुबह 10 बजे से शाम 5.30 बजे तक होता है, लेकिन वे देर रात तक दफ्तर में बैठकर फाइलों का निराकरण कर रही हैं।
लल्लूराम डॉट कॉम से बातचीत में उन्होंने बताया कि व्रत रहते हुए काम करना कठिन नहीं है। उनका कहना है कि “काम थोड़ा ज्यादा है, इसलिए हम सब मिलकर शाम तक बैठकर निपटाते हैं। जनता के लिए उपलब्ध रहना हमारी जिम्मेदारी है। पूजा श्रद्धा का विषय है, जबकि काम जनता की सेवा के लिए है, इसलिए दोनों को अलग-अलग निभाना जरूरी है।”
उन्होंने कहा कि कलेक्टर और वरिष्ठ अधिकारियों का स्पष्ट निर्देश है कि तहसील दफ्तर में आने वाले लोगों का काम प्राथमिकता से निपटाया जाए। इसीलिए शाम को भी बैठकर फाइलों की समीक्षा और पेशी का काम करना पड़ता है।
नायब तहसीलदार ज्योति सिंह ने इसे दबाव नहीं बल्कि सौभाग्य बताया। उन्होंने कहा कि “वीआईपी ड्यूटी करना हो या राजस्व फाइल निपटाना, यह सब हमारी जिम्मेदारी है। काम को समय सीमा में पूरा करना ही जनता की सेवा है।”
रायपुर। शारदीय नवरात्र के पावन अवसर पर जहां भक्त मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना कर सुख-समृद्धि की कामना कर रहे हैं, वहीं राजधानी रायपुर की नायब तहसीलदार ज्योति सिंह व्रत और जिम्मेदारी दोनों को समान रूप से निभा रही हैं।
ज्योति सिंह नवरात्र के नौ दिनों तक उपवास रखकर भी राजस्व कार्यों को पूरा करने में जुटी हैं। आमतौर पर सरकारी कार्यालयों का कामकाजी समय सुबह 10 बजे से शाम 5.30 बजे तक होता है, लेकिन वे देर रात तक दफ्तर में बैठकर फाइलों का निराकरण कर रही हैं।
लल्लूराम डॉट कॉम से बातचीत में उन्होंने बताया कि व्रत रहते हुए काम करना कठिन नहीं है। उनका कहना है कि “काम थोड़ा ज्यादा है, इसलिए हम सब मिलकर शाम तक बैठकर निपटाते हैं। जनता के लिए उपलब्ध रहना हमारी जिम्मेदारी है। पूजा श्रद्धा का विषय है, जबकि काम जनता की सेवा के लिए है, इसलिए दोनों को अलग-अलग निभाना जरूरी है।”
उन्होंने कहा कि कलेक्टर और वरिष्ठ अधिकारियों का स्पष्ट निर्देश है कि तहसील दफ्तर में आने वाले लोगों का काम प्राथमिकता से निपटाया जाए। इसीलिए शाम को भी बैठकर फाइलों की समीक्षा और पेशी का काम करना पड़ता है।
नायब तहसीलदार ज्योति सिंह ने इसे दबाव नहीं बल्कि सौभाग्य बताया। उन्होंने कहा कि “वीआईपी ड्यूटी करना हो या राजस्व फाइल निपटाना, यह सब हमारी जिम्मेदारी है। काम को समय सीमा में पूरा करना ही जनता की सेवा है।”