रायपुर। केंद्र सरकार ने हाल ही में सीमेंट पर GST दर को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया है। इस कदम का मकसद आम उपभोक्ताओं और निर्माण क्षेत्र में काम करने वालों के लिए निर्माण लागत को कम करना है। GST की दर घटने के बाद, theoretically सीमेंट की कीमत में प्रति बैग 20-25 रुपए तक की कमी होनी चाहिए थी। इससे मकान बनवाने वाले लोगों और छोटे ठेकेदारों को काफी राहत मिलती।

राजधानी रायपुर में होलसेल में सीमेंट की कीमत 305-310 रुपए और रिटेल में 320-330 रुपए प्रति बैग थी। GST कटौती के बाद कंपनियों ने खुद सीमेंट की कीमत घटा दी है। लेकिन रिपोर्ट्स के मुताबिक, रिटेलर अभी भी पुराने दामों पर ही सीमेंट बेच रहे हैं, जिससे आम उपभोक्ताओं को इसका कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि सीमेंट की कीमत घटने से निर्माण लागत में सीधे तौर पर कमी आएगी। इसका फायदा न केवल शहरों में मकान बनाने वाले लोगों को मिलेगा, बल्कि ग्रामीण इलाकों में भी लोग अपने घर बनाने के सपनों को साकार कर पाएंगे। छोटे और मझोले ठेकेदार, जो पहले उच्च कीमतों के कारण निर्माण कार्य में हिचकिचाते थे, अब आसानी से परियोजनाओं को पूरा कर पाएंगे।
हालांकि, वर्तमान स्थिति यह है कि रिटेलर पुरानी कीमतों में ही सीमेंट बेच रहे हैं। इससे GST कटौती का असली फायदा अभी तक आम जनता तक नहीं पहुंच पाया है। उपभोक्ता संगठन इस बात पर चिंता जता रहे हैं कि यदि रिटेलर नई कीमतें लागू नहीं करते, तो सरकार की यह पहल केवल कागजों तक ही सीमित रह जाएगी।
सीमेंट कंपनियों ने कीमतें घटा दी हैं, लेकिन इसे ग्राहकों तक पहुँचाना अब सरकार और रिटेलर दोनों की जिम्मेदारी बनती है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि यह लाभ सीधे उपभोक्ताओं तक पहुंचे, तो मकानों की निर्माण लागत में महत्वपूर्ण कमी आएगी और आम लोगों का घर बनाने का सपना सस्ता और साकार होगा।
इस बदलाव से न केवल घर बनाना आसान होगा, बल्कि देश में निर्माण क्षेत्र को भी मजबूती मिलेगी। ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों में निर्माण गतिविधियों में तेजी आएगी, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और बाजार में मांग को बढ़ावा मिलेगा।
अतः अब यह देखने वाली बात यह होगी कि रिटेलर कब तक नई कीमतें ग्राहकों तक पहुंचाते हैं, ताकि GST 2.0 का लाभ सच में आम लोगों तक पहुंचे।