डोंगरगढ़। नवरात्र के पावन अवसर पर मां बम्लेश्वरी मंदिर में शुक्रवार देर रात आयोजित “दाई बमलई पंचमी भेंट” समारोह में पहली बार खैरागढ़ राजपरिवार के राजकुमार भवानी बहादुर सिंह शामिल हुए। सैकड़ों श्रद्धालुओं के बीच भवानी बहादुर ने मंदिर प्रबंधन और ट्रस्ट व्यवस्था पर सीधे निशाना साधा।

उन्होंने कहा कि बम्लेश्वरी धाम में सदियों से बैगा पूजा को प्राथमिकता दी जाती रही है, जो उनके पूर्वजों राजा कमल नारायण के समय से चली आ रही परंपरा है। लेकिन अब राजपरिवार और संस्थापक सदस्यों को दरकिनार किया जा रहा है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि ट्रस्ट अब अपनी मूल भावना से भटक गया है और राजपरिवार की राय को महत्व नहीं दिया जा रहा।
भवानी बहादुर ने प्रशासन से अपील की कि चुनाव प्रणाली में सुधार लाया जाए और फाउंडर मेंबर की राय अनिवार्य की जाए। चेतावनी भरे लहज़े में उन्होंने कहा कि यदि समाज को उसका हक नहीं मिला तो गोंड समाज खुद अपने अधिकार लेने को मजबूर होगा।
डोंगरगढ़ रियासत के इतिहास में यह क्षेत्र ब्रिटिश काल की प्रमुख रियासतों में से एक था। स्वतंत्रता के बाद राजपरिवार को सम्मान और पेंशन मिली, और 1976 में मंदिर प्रबंधन के लिए ट्रस्ट गठित किया गया। हालिया विवाद ने न केवल डोंगरगढ़ बल्कि पूरे प्रदेश में हलचल मचा दी है।