छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट: पति को ‘पालतू चूहा’ कहना मानसिक क्रूरता, तलाक बरकरार

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने पति को ‘पालतू चूहा’ कहने को मानसिक क्रूरता मानते हुए तलाक को बरकरार रखा है। रायपुर में रहने वाले दंपती की शादी 28 जून 2009 को हुई थी और 5 जून 2010 को उनका एक बेटा हुआ।

शादी के कुछ समय बाद ही पति-पत्नी के रिश्ते में खटास आ गई। पत्नी ने पति को माता-पिता से अलग रहने के लिए दबाव डाला और नकारात्मक व्यवहार किया। इन आरोपों के आधार पर फैमिली कोर्ट ने 23 अगस्त 2019 को तलाक मंजूर किया था। पत्नी ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की थी।

हाईकोर्ट ने पति के पक्ष में तर्कों को सही ठहराते हुए तलाक को बरकरार रखा। कोर्ट ने कहा कि भारतीय संयुक्त परिवार में पति को माता-पिता से अलग करने की जिद मानसिक क्रूरता मानी जाती है। कोर्ट ने पत्नी द्वारा भेजे गए टेक्स्ट मैसेज को भी सबूत माना।

कोर्ट ने पत्नी को 5 लाख रुपए स्थायी गुजारा भत्ता देने और बेटे के लिए हर माह 6 हजार रुपए गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया। दोनों वर्तमान में अलग रह रहे हैं; पत्नी लाइब्रेरियन और पति छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक में अकाउंटेंट हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *