:टोकेश्वर साहू:
कांकेर। जिले के अंदरूनी इलाकों में बिजली विभाग की भारी
लापरवाही उजागर हो रही है जहां 11 केवी के खंभे में 3 तार के बजाय
दो ही तार नजर आ रहे हैं। वहीं तीन फेस की बजाय दो फेस होने से ग्रामीणों को
पंप मोटर चलाने में काफी दिक्कतें आ रही हैं। लगातार किसानों की
शिकायत के बाद भी बिजली विभाग द्वारा अभी तक सुधार कार्य नहीं किया गया है।
कोयलीबेड़ा ब्लॉक के ग्राम पंचायत मुरांवडी के ग्रामीण बुधराम उसेंडी, जग्गूराम ध्रुव, पुनऊराम, सोप सिंह आदि ने जनधारा से बात करते हुए बताया कि ग्राम मुरांवडी में पिछले दो साल से दो फेस में ही लाइट चल रही है। इलेवेन केवी के खंभे में एक तार टूट जाने के बाद से बिजली विभाग द्वारा आज तक उस तार की मरम्मत कार्य नहीं किया है

जिसके चलते पूरे गांव में दो फेस पर ही करंट मौजूद हैं। ग्रामीणों का कहना है कि घर की लाइट तो किसी तरह चल जाती है परंतु तीन फेस मोटर पंप नहीं चल पा रहे हैं जिसके चलते वह अपने खेतों में फसल नहीं लगा पा रहे।
दो सालों के बाद भी बिजली विभाग ने नहीं की टुटे तार की मरम्मत
ग्रामीणों का कहना है कि वह लगातार दो सालों से बिजली विभाग के चक्कर काट रहे हैं। लगातार बिजली विभाग में आवेदन दे रहे जिसके बाद भी बिजली विभाग के कर्मचारियों द्वारा आज तक टूटे तार की मरम्मत नहीं किया गया है। वहीं बिजली विभाग के अधिकारी से बात करने पर ग्रामीणों को सिर्फ आश्वासन ही मिलता है परंतु मरम्मत कार्य नहीं होता।
किसान नहीं चला पा रहे पंप
ग्रामीणों ने बताया कि वह गर्मी की फसल लगाने के लिए अपने खेतों में ट्यूबवेल करवाए हैं जहाँ थ्री फेस मोटर पंप लगा हुआ है परंतु गांव में तीन फेस की बजाय दो फेस में ही करंट होने के कारण पंप नहीं चल रहे हैं जिससे वह गर्मी की फसल का उत्पादन नहीं कर पा रहे जिससे उन्हें आर्थिक स्थिति में काफी समस्या उत्पन्न हो रही है।
इस बार मरम्मत कार्य नहीं होने पर चक्का जाम करने की दी चेतावनी
ग्राम मुरांवडी के समस्त ग्रामवासियों ने सहायक अभियंता कार्यालय पखांजूर पहुंच टूटे तार की मरम्मत कार्य करने के लिए ज्ञापन दिया है और कहा कि इस बार अगर बिजली विभाग द्वारा लापरवाही बरतते हुए टूटे तार की मरम्मत कार्य अतिशीघ्र नहीं किया गया तो पूरे ग्रामवासी चक्का जामकर उग्र आंदोलन करेगी जिसका जिम्मेदार सिर्फ बिजली विभाग होगा।
वहीं इस विषय पर जनधारा ने बड़गांव जेई से बात करने की कोशिश की परंतु संपर्क नहीं हो पाने के कारण बात नहीं हो पाई