रायपुर। विनोद कुमार शुक्ल को उनकी किताबों की छह माह की रायल्टी के रूप में तीस लाख रूपये की राशि का मिलना हिन्दी साहित्य में आये भूकम्प की तरह है। इसके पहले हिन्दी के किसी लेखक को रायल्टी के रूप में इतनी राशि नहीं मिली।
यह बात देश के शीर्षस्थ कवि, विनोद कुमार शुक्ल के 1858 से मित्र रहे नरेश सक्सेना ने रायपुर में आयोजित हिंदी युग्म उत्सव में विनोदजी को तीस लाख चेक मिलने के अवसर पर कही। विनोद कुमार शुक्ल ने अभी तक की अपनी लेखनी के लिए पाठकों को धन्यवाद दिया। इस अवसर पर विनोद कुमार शुक्ल के कहानी संग्रह का विमोचन भी हुआ। विनोद कुमार शुक्ल ने गजानन माधव मुक्तिबोध और हरिशंकर परसाई से जुड़े अपने संस्मरण को साझा किया।

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर स्थित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में हिंदी युग्म उत्सव के पहले दिन शनिवार को ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित चर्चित साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल का विशेष सम्मान समारोह भी आयोजित किया गया।

ऐसे आयोजन छत्तीसगढ़ की साहित्यिक धरोहर को नई दिशा देंगे: विस अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह
इस समारोह में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह शामिल हुए। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन आने वाले समय में छत्तीसगढ़ की साहित्यिक धरोहर को नई दिशा देंगे और यह प्रदेश की साहित्यिक परंपरा की मजबूत नींव साबित होंगे।

हर व्यक्ति को अपने जीवन में कम से कम एक किताब अवश्य लिखनी चाहिए: विनोद कुमार शुक्ल
वहीं ज्ञानपीठ सम्मानित लेखक विनोद कुमार शुक्ल ने कहा कि यह उत्सव युवाओं के लिए एक अवसर है कि वे साहित्यकारों की किताबें पढ़ें, उन्हें समझें और उनसे सीखें। उन्होंने यह भी कहा कि हर व्यक्ति को अपने जीवन में कम से कम एक किताब अवश्य लिखनी चाहिए, ताकि आने वाली पीढ़ी उसके अनुभवों और ज्ञान से लाभान्वित हो सके। उन्होंने अपने पाठकों को संबोधित करते हुए कहा कि मैं आज मैं जिस मुकाम पर हूं, वो सब आप लोगों की बदौलत ही है।
नई वाली हिन्दी का आंदोलन चला रहे हिन्द युग्म के डायरेक्टर शैलेश भारतवासी को बधाई दी गई। हिंदी पढऩे और लिखने वालों के लिए गर्व करने की बात है ये, हिन्द युग्म प्रकाशन ने आज विनोद कुमार शुक्ल को तीस लाख की रायल्टी का चेक दिया है। यह सिर्फ छह महीने की है, उनकी किताब ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।