नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कथित ‘प्रश्न के बदले नकद’ घोटाले में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति के लिए लोकपाल का रुख किया है। लोकपाल के 30 जून 2025 के आदेश में सीबीआई की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा गया कि महुआ के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए विश्वसनीय सबूत मौजूद हैं।
आरोप और जांच
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया था कि महुआ ने उद्योगपति गौतम अडानी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर संसदीय सवाल उठाने के बदले दुबई के व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी से नकद और उपहार मांगे। महुआ ने इन आरोपों को निराधार बताकर खारिज किया है। मार्च 2024 में लोकपाल के निर्देश पर सीबीआई ने उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी और छह महीने में व्यापक जांच पूरी की।
लोकपाल का रुख
लोकपाल की पीठ (न्यायमूर्ति अभिलाषा कुमारी, अर्चना रामासुंदरम, और महेंद्र सिंह) ने आरोपों को गंभीर माना और सार्वजनिक पद पर ईमानदारी के महत्व को रेखांकित करते हुए गहन जांच की आवश्यकता पर जोर दिया। सीबीआई की रिपोर्ट और लोकपाल की मंजूरी के लिए उठाया गया कदम इस विवाद में महत्वपूर्ण घटनाक्रम है, जो भ्रष्टाचार के आरोपों की गंभीरता को दर्शाता है।