शारदीय नवरात्र 2025: मां दुर्गा की पूजा के नियम और परहेज

हर साल आश्विन माह में शारदीय नवरात्र का पर्व हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। इन नौ पवित्र दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना की जाती है, जिससे सुख-समृद्धि और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। व्रत और पूजा के साथ कुछ नियमों और परहेजों का पालन करना जरूरी है ताकि मां दुर्गा की कृपा बनी रहे।

नवरात्र के दौरान इन गलतियों से बचें

तामसिक भोजन से परहेज

नवरात्र में मांस, मछली, अंडा, प्याज और लहसुन का सेवन वर्जित है। केवल सात्विक भोजन करना शुभ माना जाता है।

चमड़े के उत्पादों का उपयोग न करें

पवित्रता बनाए रखने के लिए चमड़े से बने बेल्ट, पर्स, जूते आदि का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। चमड़ा पशु की खाल से बनता है, जो इस पवित्र समय में वर्जित है।

मन और वाणी की शुद्धि

झूठ बोलना, बुरा सोचना, अपशब्द कहना या किसी को दुख पहुंचाना नवरात्र में निषिद्ध है। ऐसे कार्य नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित कर सकते हैं और मां दुर्गा की साधना निष्फल हो सकती है।

बाल-नाखून न काटें

शास्त्रों के अनुसार, नवरात्र में बाल, दाढ़ी और नाखून काटना वर्जित है। ऐसा करने से मां दुर्गा नाराज हो सकती हैं, जिसके विपरीत परिणाम मिल सकते हैं।

इन नियमों का पालन कर नवरात्र की पूजा को सफल बनाएं और मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त करें।

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