(Jal Jeevan Mission) जल जीवन मिशन के जिम्मेदार सो रहे चैन की नींद
(Jal Jeevan Mission) कोरिया . जिले के सोनहत ग्राम पंचायत क्षेत्र में जोर सोर से जल जीवन मिशन के तहत घर घर जल पहुचाने के उद्देश्य से नल सह प्लेटफार्म निर्माण कार्य लगभग 3 माह पूर्व शुरू किया गया जिसमें आज तक एक बूंद पानी नही टपका और टपकेगा भी कैसे क्योकि नल सह प्लेटफार्म बना कर जिम्मेदार मानो चैन की नींद सो रहे हो ।
हितग्राही पानी की बांट जोह रहे है। कब हितग्राहियों की आस पूरी होगी ये तो ऊपरवाले के भरोसे है क्योकि पृथ्वी के इंसान रूपी जल देवता स्वरूप जन हितार्थ में कही न कही कोताही बरत रहे है और अपना ही स्वार्थ सिद्ध करने में लगे हुए है। जो मानव कल्याण के लिए कछुए की चाल पर रेंग रहे है।
जल जीवन मिशन का उद्देश्य
(Jal Jeevan Mission) जल जीवन मिशन की घोषणा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त 2019 को की थी। यह मिशन भारत के सभी दूर-सुदूर गाँवों के हर घर तक शुद्ध पेय जल पहुँचाने का लक्ष्य 2024 तक पूरा करेगा। जल जीवन मिशन को सफलता पूर्वक पूरा करने के लिए केंद्र, राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश मिलकर काम करेंगे। यह मिशन पेय जल को आम लोगों तक आसानी से पहुँचाने के साथ-साथ दीर्घ कालिक जल श्रोतों का निर्माण, जल संरक्षण, प्रदूषण रहित जल की पहचान, जल प्रबंधन आदि की कार्य योजना पर कार्य करता है।
जल जीवन मिशन की उत्पत्ति
जल शक्ति मंत्रालय के आकड़ों के अनुसार देश में 18,99,85,096 परिवारों को पेय जल के लिए घरेलु नल कनेक्शन पहुँचाना बाकी है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार 2024 तक सभी परिवारों को पेय जल मुहैय्या करवाएगी।
आंकड़े
(Jal Jeevan Mission) जल जीवन मिशन की ऑफिसियल वेबसाइट के अक्टूबर 2020 के आंकड़ों के अनुसार अब तक देश में 5,55,52,125 परिवारों तक जल कनेक्शन पहुँच चुका है। जो की निर्धारित लक्ष्य का लगभग 30 प्रतिशत है। अभी बचे हुए 70 प्रतिशत परिवारों तक पेय जल सुविधा पहुँचाने पर काम चल रहा है।
शासन का प्रयास
पेयजल जीवन की एक बुनियादी आवश्यकता है। प्रदेश की शत-प्रतिशत ग्रामीण जनसंख्या को न्यूनतम 40 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन की दर से एवं नगरीय जनसंख्या को न्यूनतम 70 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये राज्य सरकार द्वारा सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। जनसामान्य को पेयजल एवं निस्तार हेतु जल उपलब्ध कराने के साथ भू-जल भण्डारण को अक्षुण्य रखने के प्रयास भी किये जा रहे है।
इस गंभीर विषय की पूर्ति के लिए गहरे मंथन के बाद केंद्र शासन ने जल जीवन मिशन की योजना बनाई केंद्र और राज्य शासन ने मिलकर समस्या से निपटान के लिए योजना को धरातल में उतारा जिसका भारी भरकम बजट रखा गया ।
लक्ष्य प्राप्ति के लिए धन की कोई कमी नही अर्थात धन की वर्षा
(Jal Jeevan Mission) राज्य ने 2021-22 में 22.14 लाख घरों में नल के पानी के कनेक्शन 2022-23 में 11.37 लाख औक 6.29 लाख नल के पानी के कनेक्शन 2023-24 में उपलब्ध कराने की योजना बनाई है।
केंद्र सरकार द्वारा राज्य को 2021-22 में दिए जाने वाले अनुदान को भी बढ़ाकर 1,908.96 करोड़ रुपये कर दिया है, जो कि 2020-21 में आवंटित धनराशि का चार गुना है । राष्ट्रीय जल जीवन मिशन ने भी राज्य को 453.71 करोड़ रुपये जारी किए।
(Jal Jeevan Mission) केंद्रीय आवंटन में चार गुना वृद्धि और राज्य के बजट के अप्रयुक्त शेष के साथ, छत्तीसगढ़ ने 2021-22 में अलग-अलग घरों में नल के कनेक्शन प्रदान करने के लिए 4,268 करोड़ रुपये की उपलब्धता का आश्वासन दिया है। इसलिए, लक्ष्य को प्राप्त किया जाना चाहिए क्योंकि धन की कोई कमी नहीं है।
लक्ष्य प्राप्ति के लिए मैदानी जंग के सेनापति
मुख्य मंत्री भूपेश बघेल ने युध्यस्तर पर कार्य को अंजाम देने के लिए सेनापति के रूप में प्रशासनिक तौर पर कार्य एजेंसी लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को नियुक्त किया है।
शुरुवात से ही विवाद हुआ है शुरू
आधिकारिक सूत्रों की मानें तो प्रदेश में अगस्त 2019 से जल जीवन मिशन पर काम शुरू हुआ है। पहले वर्ष निविदा में विवाद के कारण पाइपलाइन बिछाने और पानी टंकी बनाने के लिए जारी कार्यादेश निरस्त कर दिए गए थे। दूसरे वर्ष कुछ जगहों पर काम शुरू हुआ तो कुछ जगहों पर काम हुआ ही नहीं। तीसरे वर्ष पहली किस्त जारी होने के बाद काम की गति धीमी देखकर केंद्र सरकार ने आगे की किस्त रोक दी थी।
(Jal Jeevan Mission) जानकारों के मुताबिक केंद्र सरकार की ओर से केंद्रांश जारी होने के बाद यदि 50 प्रतिशत राज्यांश जारी नहीं हो पाया तो इसके कारण भी काम शुरू नहीं हो पाता। केंद्र सरकार भी तभी राशि देगी जब पहली किस्त पर काम की उपयोगिता का प्रमाण-पत्र मिल जाता है। और सबसे बड़ा कारण कही न कही लोगो के साँथ साँथ इस योजना पर भी कोरोना महामारी की मार पड़ी जिससे कार्य धीमी रफ्तार पर है ।
अब सामान्य स्थिति बीत रहा फिर भी कार्य धीमी गति पर है जिसका कारण मुख्य रूप से वे कार्य एजेंसी के जिम्मेदार जिन्हें राज्य शासन के द्वारा नियुक्त किए गए स्थानीय सेना पति की है। जिनके देख रेख में ग्रामीण अंचलों में कार्य का निपटान ठेकेदार कर रहे है।
(Jal Jeevan Mission) जहाँ कार्य हुआ भी है वहाँ पानी नही पहुच रहा है और जहा पहुच रहा वहाँ प्रति व्यक्ति 40 लीटर तो दूर प्लेटफार्म पर गले नल से गिरता पानी प्लेटफार्म की ही प्यास नही बुझा पा रहा है । जिम्मेदारी देखिए साहब की मीडिया में कहते है कि अप डाउन के वजह से हो रहा है।
हम पूछते है साहब वेतन किस बात के लेते हो गांव का अनपढ़ भी अपने खेत तक पानी पहुचाने के लिए बेहतर व्यवस्था स्वयं कर लेता है आप तो पढ़ लिख कर बेवजह बोल गए ।
इंजीनियर बोले दोड़वा दूंगा
(Jal Jeevan Mission) सोनहत ग्राम पंचायतों में तेजी से सर भट निर्माण कार्य जल जीवन मिशन के तहत नल लगाने का कार्य किया जा रहा था जिसमे ग्रामीणों की शिकायत थी कि जो नल लगाने के लिए प्लेटफार्म निर्माण किया जा रहा है उसमें कम सीमेंट का उपयोग मिस्त्रियों द्वारा किया जा रहा है प्लेटफार्म जल्द ही टूट फुट सकता है।
अधिकांश कार्य पर लगे मिस्त्री अपने सुविधा अनुसार जहा तहाँ घर के बाहर ही बना कर चले जा रहे है और आधार कार्ड ले कर एंट्री कर ले रहे है हमारे सुविधा के लिए लग रहे नल पर हमसे ही राय मशवरा नही लेते । कही छोटा तो कही बड़ा प्लेटफार्म बना रहे है।
(Jal Jeevan Mission) इस मामले में जब जन प्रतिनिधि और मीडिया कर्मी ने पहल की तो इंजीनियर साहब दौड़े आए और साँथ मिल कर ग्राम पंचायत क्षेत्र में लग रहे नल का निरीक्षण किया और शिकायत पर सही पाया और बड़ बोल बच्चन में कहा जो प्लेटफार्म अमानक रूप से और हितग्राही के बगैर मन मर्जी के बना है वो तोड़वा दूंगा और दूसरा नया बनवाया जाएगा लेकिन आज तक इंजीनियर साहब बोल बच्चन में ही रह गए मुह से निकला वाक्य धरातल में पहुचाने से पहले ही हवा में उड़ गया आज सब कुछ जस का तस हो रहा है प्लेटफार्म की प्लास्टर उखड़ने लगी फरसों में दरार साफ नजर आता है। निर्माण कार्यो में गुणवत्ता को दरकिनार किया गया। जिसका अंजाम आज सामने है। कैसे होगा 2024 तक कैसे होगा लक्ष्य पूरा क्या 5 साल भविष्य में रिपेरिंग का व्यवस्था कर रहे है जिम्मेदार।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग अम्बिकापुर मण्डल के अधिक्षक अभियंता ने ली बैठक, जल जीवन मिशन के अंतर्गत चल रहे कार्यों की हुई समीक्षा
(Jal Jeevan Mission) कोरिया 29 दिसम्बर22 को लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के खण्ड कार्यालय में बुधवार को अम्बिकापुर मण्डल के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग अधीक्षण अभियंता संजय सिंह के द्वारा जल जीवन मिशन के अंतर्गत चल रहे कार्याे की समीक्षा बैठक ली गई। बैठक के दौरान श्री सिंह द्वारा निर्माण कार्य में उपयोग किये जाने वाले सामग्रियों पाईप सबमर्सिबल पंप, फ्लो कंट्रोल वाल्व आदि की गुणवत्ता परीक्षण उपरांत निर्धारित मापदण्ड पाये जाने पर ही उपयोग किए जाने के निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि सभी कार्य निर्धारित मापदण्ड एवं गुणवत्ता युक्त हो तथा समय सीमा में कार्य पूर्ण किया जाए।
इस दौरान उन्होंने कहा कि जो ठेकेदार समय सीमा में कार्य संपादित नहीं कर पा रहे है उन्हें नोटिस जारी कर उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुये अनुबंध निरस्त करने की कार्यवाही किया जाए साथ ही अनुबंध की धारा 03 में उल्लेखित शर्ता अनुरुप अर्थदण्ड अधिरोपित किया जाए।
बैठक में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन अभियंता सी.बी. सिंह, सहायक अभियंता ओंकार सिंह, जयन्त कुमार चन्देल, आकाश पोद्दार सहित सभी विकासखण्डों के उपअभियंता उपस्थित रहे।
(Jal Jeevan Mission) ये पढ़ लिए अब सोचिए कि इतना कड़ा निर्देश उसके बाद भी जमीनी स्तर पर कुछ दिखाई क्यो नही देता लोग चिल्ला रहे कि गुणवत्ता विहीन कार्य कर रहे खुद इंजीनियर बोले तोड़वा दूंगा उसके बाद भी सब सत्र सपाट । आखिर कब तक?