दिल्ली। बहुचर्चित बीएमडब्ल्यू हादसे में गिरफ्तार गगनप्रीत कौर (38) की मुश्किलें बढ़ गई हैं। बुधवार को पटियाला हाउस कोर्ट ने उनकी न्यायिक हिरासत 27 सितंबर तक बढ़ा दी। कोर्ट ने गगनप्रीत की उस याचिका पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया, जिसमें हादसे वाली जगह की सीसीटीवी फुटेज को संरक्षित करने की मांग की गई थी। उनकी जमानत याचिका पर अब 20 सितंबर को सुनवाई होगी।
कोर्ट में जोरदार दलीलें
सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों के वकीलों ने तीखी बहस की। गगनप्रीत के वकील रमेश गुप्ता ने दावा किया कि पुलिस ने मामले को जानबूझकर गैर इरादतन हत्या (बीएनएस धारा 304) में बदला, जिसकी सजा उम्रकैद तक हो सकती है। उन्होंने कहा कि यह मामला बीएनएस धारा 304ए (लापरवाही से मौत) का बनता है। वकील ने यह भी बताया कि हादसे के समय मृतक की बाइक एक डीटीसी बस से भी टकराई थी, जिसके ड्राइवर के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए।
एंबुलेंस ड्राइवर पर भी सवाल
गगनप्रीत के वकील ने आरोप लगाया कि हादसे के बाद वहां से गुजर रही एक एंबुलेंस ने घायलों और मृतक को अस्पताल ले जाने से इनकार कर दिया। उन्होंने मांग की कि एंबुलेंस ड्राइवर को भी इस मामले में सह-आरोपी बनाया जाए। वकील ने यह भी कहा कि हादसे में गगनप्रीत के पति और बच्चे भी घायल हुए थे, फिर भी उन्होंने सबसे पहले पीड़ित दंपती को अस्पताल पहुंचाया। उन्होंने इसे एक सामान्य सड़क हादसा बताया।
मामले की पृष्ठभूमि
यह हादसा दिल्ली में चर्चा का विषय बना हुआ है। गगनप्रीत पर बीएमडब्ल्यू कार चलाते समय हादसे का आरोप है, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। पुलिस ने मामले की जांच तेज कर दी है और कोर्ट के निर्देश पर सीसीटीवी फुटेज को संरक्षित करने की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। जमानत याचिका पर अगली सुनवाई में मामले में नए खुलासे होने की संभावना है।