मुंबई। इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने की अंतिम तारीख 15 सितंबर 2025 आज समाप्त हो रही है। अब तक 6 करोड़ से अधिक लोग अपना रिटर्न दाखिल कर चुके हैं। करदाताओं के मन में सवाल है कि टैक्स रिफंड उनके बैंक खाते में कब तक जमा होगा।
ITR फाइलिंग और रिफंड प्रक्रिया
ITR दाखिल करने के बाद उसका वेरिफिकेशन जरूरी है। इसके बाद टैक्स विभाग सेक्शन 143(1) के तहत रिटर्न की जांच करता है, जो ज्यादातर ऑटोमैटिक होती है, लेकिन कुछ मामलों में मैन्युअल वेरिफिकेशन भी होता है। अब तक 4 करोड़ से अधिक रिटर्न प्रोसेस हो चुके हैं।
रिफंड कितने समय में मिलेगा?
रिफंड का समय रिटर्न की जटिलता पर निर्भर करता है। 15,000 रुपये तक के सरल रिटर्न कभी-कभी एक घंटे में प्रोसेस होकर उसी दिन बैंक में जमा हो जाते हैं। जटिल रिटर्न या लंबित आवेदनों में 1 महीने या उससे अधिक समय लग सकता है।
रिफंड में देरी की वजहें
- गलत बैंक डिटेल्स: खाता संख्या या IFSC कोड गलत होने पर प्रक्रिया रुक सकती है।
- ई-वेरिफिकेशन में देरी: समय पर वेरिफिकेशन न होने से प्रोसेसिंग में विलंब।
- रिटर्न की अधिक संख्या: ज्यादा रिटर्न दाखिल होने से प्रक्रिया में समय लग सकता है।
- जटिल आय: कैपिटल गेन या बिजनेस इनकम वाले रिटर्न में अतिरिक्त वेरिफिकेशन की जरूरत।
रिफंड लेट होने पर क्या करें?
- ई-फाइलिंग पोर्टल पर ‘View Returns/Forms’ सेक्शन में रिफंड स्टेटस चेक करें।
- ITR में दर्ज बैंक खाता और IFSC कोड की जांच करें।
- हेल्पलाइन नंबर 1800-103-0025 या 1800-419-0025 पर संपर्क करें।
रिफंड देरी पर ब्याज
टैक्स विभाग रिफंड में देरी होने पर सालाना 6% ब्याज के साथ राशि जमा करता है।