बिलासपुर। शहर की जर्जर सड़कों को लेकर दायर जनहित याचिका पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए नगर निगम और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे सड़कों की मरम्मत और चौड़ीकरण के लिए समय सीमा तय करें। चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने कहा कि मुख्य मार्गों पर जगह-जगह गड्ढे हैं, जिससे लोगों को भारी परेशानी हो रही है, फिर भी अब तक मरम्मत के लिए स्पष्ट कार्य योजना नहीं बनाई गई है।

सुनवाई के दौरान राज्य शासन ने बताया कि शहर की तीन प्रमुख सड़कों – सीपत रोड, हाईकोर्ट से नेहरू चौक मार्ग और अपोलो अस्पताल जाने वाली सड़क – पर कार्य किए जाने के लिए टेंडर की प्रक्रिया चल रही है। इनमें से एक सड़क का वर्क ऑर्डर जारी हो चुका है, दूसरी का तकनीकी परीक्षण चल रहा है, जबकि तीसरे टेंडर में एक ही ठेकेदार आने से राज्य शासन से अनुमति मांगी गई है। अनुमति मिलते ही काम शुरू कर दिया जाएगा।
हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि अपोलो अस्पताल क्षेत्र में अव्यवस्था और अतिक्रमण के कारण ट्रैफिक जाम की समस्या बढ़ गई है। निरीक्षण के दौरान देखा गया कि अपोलो चौक और आसपास की सड़कें गड्ढों से भरी हुई थीं और अवैध कब्जों के कारण एम्बुलेंस और मरीजों को अस्पताल पहुंचने में दिक्कत हो रही थी। इसे देखते हुए कोर्ट ने इसे जनहित का मामला मानते हुए सुनवाई शुरू की।
इसके बाद राजकिशोर नगर चौक और अपोलो अस्पताल जाने वाले मार्ग से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई। साथ ही वैकल्पिक मार्ग के चौड़ीकरण की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। राजकिशोर नगर से शनिचरी रपटा तक सड़क को 80 फीट चौड़ा करने के लिए 3 करोड़ 27 लाख रुपए की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है। नगर निगम ने सड़क किनारे बने 127 दुकानों और 23 मकानों को हटाकर निर्माण कार्य शुरू कर दिया है। पहले चरण में 80 लाख रुपए खर्च कर सड़क निर्माण कराया जाएगा। वहीं, बाधा बन रहे लगभग 300 मकानों को भी हटाने की कार्रवाई की जा रही है।
अपोलो अस्पताल के पास मानसी लॉज से शनिचरी रपटा तक अतिक्रमण हट चुका है, जिससे जल्द ही चौड़ीकरण कार्य शुरू होने की उम्मीद है। कोर्ट ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे मरम्मत कार्य की समय सीमा तय कर रिपोर्ट प्रस्तुत करें। अगली सुनवाई 15 अक्टूबर को होगी।
इस फैसले से शहरवासियों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। साथ ही, यह सुनिश्चित होगा कि जर्जर सड़कों की समस्या जल्द सुलझे और ट्रैफिक जाम तथा हादसों से बचाव हो। हाईकोर्ट का यह कदम नागरिकों की सुविधा और सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।