रायपुर, 16 सितंबर 2025: छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के 16 हजार संविदा कर्मचारियों की एक महीने से जारी हड़ताल को लेकर सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। मंगलवार को कर्मचारियों को 16 सितंबर तक ड्यूटी पर लौटने का अल्टीमेटम दिया गया, अन्यथा नए कर्मचारियों की नियुक्ति की जाएगी। इस बीच, झारखंड चिकित्साकर्मी संघ ने हड़ताल को समर्थन देते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को पत्र लिखकर हस्तक्षेप की मांग की है।
हड़ताल का कारण
18 अगस्त 2025 से एनएचएम कर्मचारी अपनी 10 सूत्री मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं। कर्मचारियों का कहना है कि सरकार ने आश्वासन तो दिए, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इसके उलट, सरकार ने संघ के प्रमुख पदाधिकारियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया। कर्मचारी इसे दुर्भाग्यपूर्ण कदम मान रहे हैं और मांगों के समाधान की मांग कर रहे हैं।
झारखंड संघ की चेतावनी
झारखंड चिकित्साकर्मी संघ ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र में लिखा कि छत्तीसगढ़ एनएचएम कर्मचारी लंबे समय से अपनी मांगों के लिए संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन सरकार ने कोई समाधान नहीं किया। पत्र में केंद्र से व्यक्तिगत पहल कर दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की गई। संघ ने चेतावनी दी कि यदि मांगें पूरी नहीं हुईं, तो झारखंड के एनएचएम और जेएसएसीएस कर्मचारी भी आंदोलन में शामिल होंगे।
कर्मचारियों की मांगें
छत्तीसगढ़ एनएचएम कर्मचारी संघ ने अपनी मांगों को लेकर सरकार को कई बार ज्ञापन सौंपा है। इनमें नियमितीकरण, वेतन वृद्धि और बेहतर कार्यस्थितियों की मांग शामिल है। कर्मचारियों का कहना है कि उनकी अनदेखी से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं।
सरकार का रुख
सरकार ने हड़ताल को गंभीरता से लेते हुए बर्खास्तगी और नए कर्मचारियों की भर्ती की चेतावनी दी है। यह कदम कर्मचारियों में और आक्रोश पैदा कर सकता है। केंद्रीय हस्तक्षेप के अभाव में यह आंदोलन और तेज होने की आशंका है।