बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने इंसानियत और दोस्ती के विश्वास को गहरा झटका दिया है। यहां एक नाबालिग लड़की को उसकी ही सहेली और सहेली की मां ने शराब पिलाकर जबरन देह व्यापार के धंधे में ढकेल दिया। मामला सामने आने के बाद सरकंडा पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पीड़िता को मुक्त कराया और दो नाबालिग सहित कुल पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

मामला तब सामने आया जब 8 अगस्त को एक महिला ने सरकंडा थाने में अपनी नाबालिग बेटी के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई। उसने बताया कि घरेलू विवाद से नाराज होकर उनकी बेटी घर से चली गई थी। अपहरण की आशंका में पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की।

जांच के दौरान पुलिस ने पीड़िता का पता लगाकर उसे सुरक्षित बरामद किया। पूछताछ में नाबालिग ने जो खुलासा किया, वह चौंकाने वाला था। पीड़िता ने बताया कि घर छोड़ने के बाद वह अपनी सहेली के पास गई थी, लेकिन वहां सहेली, उसकी मां कलिका तिवारी और उनके साथियों ने उसे रायगढ़ ले जाकर एक कमरे में कैद कर दिया। उसे जबरन शराब पिलाई जाती और अलग-अलग पुरुषों के साथ भेजा जाता था। विरोध करने पर उसे धमकाया और मारपीट भी की जाती थी।
पीड़िता के बयान के आधार पर पुलिस ने मुख्य आरोपी कलिका तिवारी, तान्या सूर्यवंशी और विकास भोजवानी समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि आरोपी विकास के खिलाफ पहले भी पीठा एक्ट के तहत कार्रवाई हो चुकी है।
सरकंडा थाना प्रभारी नीलेश पाण्डेय ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ जारी है और संभावित गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश की जा रही है। पीड़िता का मेडिकल परीक्षण कराया गया है और उसके बयान को दर्ज करते हुए आरोपियों के खिलाफ मजबूत मामला बनाया जा रहा है।