रायपुर। राजधानी रायपुर में संयुक्त ईसाई समाज के सैकड़ों सदस्य कलेक्टोरेट पहुंचे और घरेलू नियमित प्रार्थना सभा संचालन के लिए सुरक्षा देने की मांग की। उनका कहना है कि धार्मिक आस्था के तहत घरों में प्रार्थना सभा आयोजित करना उनका अधिकार है, लेकिन प्रार्थना सभा की आड़ में धर्मांतरण और जबरन बुलाने के आरोप पूरी तरह निराधार हैं।

कलेक्टर को सौंपे गए ज्ञापन में ईसाई समाज ने बताया कि वे वर्षों से शांतिपूर्वक अपनी परंपरा के अनुसार प्रार्थना सभा आयोजित करते आ रहे हैं। उन्होंने बाइबिल के विभिन्न अंशों का हवाला देते हुए कहा कि घर-घर में प्रार्थना करना उनकी धार्मिक मान्यता का हिस्सा है।
ज्ञापन में स्पष्ट किया गया कि प्रार्थना सभा में किसी भी प्रकार का प्रलोभन, दबाव या जबरन बुलावा नहीं दिया जाता। सभी लोग स्वेच्छा से इसमें शामिल होते हैं।
ईसाई समाज ने चेतावनी दी है कि यदि सुरक्षा उपलब्ध नहीं कराई गई तो वे अर्धनग्न प्रदर्शन, रैली और बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे। ज्ञापन सौंपते समय शहर के पादरी, धर्म सेवक-सेविकाएं और विभिन्न ईसाई संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद थे।
संयुक्त ईसाई समाज ने प्रशासन से त्वरित कार्रवाई की अपेक्षा जताई और कहा कि उनकी धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा आवश्यक है ताकि वे बिना किसी भय के अपने विश्वास के अनुसार प्रार्थना कर सकें।