रायपुर रेलवे स्टेशन के गुढ़ियारी स्थित नए पार्किंग ठेके को लेकर बड़ा मामला सामने आया है। ठेका अलॉट और हैंडओवर की प्रक्रिया पूरी हो जाने के बावजूद ठेकेदार ने अब तक लाइसेंस फीस जमा नहीं की है। नियमों के अनुसार, ठेका मिलने से पहले एडवांस और लाइसेंस फीस जमा करना अनिवार्य है, लेकिन रेलवे अफसरों ने इन नियमों को ताक पर रखकर ठेका संचालित करने की अनुमति दे दी।

टेंडर शर्तों को दरकिनार
सूत्रों के मुताबिक टेंडर की शर्तों में कम से कम तीन माह की एडवांस लाइसेंस फीस जमा करना जरूरी है। इसके बावजूद ठेकेदार को पार्किंग का संचालन सौंप दिया गया। इससे रेलवे की आय पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
ठेकेदार का सफाई भरा बयान
नया ठेका अनुराग साहू (विनायक इंटरप्राइजेस) को अलॉट हुआ है। जब उनसे इस पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि—
“मेरा जीएसटी डीबार हो गया था, इसलिए फीस जमा नहीं कर पाया।”
लाइसेंस फीस की राशि कितनी है, इस पर उन्होंने जानकारी देने से साफ इंकार कर दिया और कहा कि यह गोपनीय है।
केवल 4 लाख एडवांस जमा
रेलवे सूत्रों के मुताबिक ठेकेदार ने सिर्फ 4 लाख रुपए एडवांस जमा कराया है। इसी आधार पर रेलवे अफसरों ने उसे ठेका संचालन की इजाजत दे दी। इस पूरे मामले पर जब संबंधित रेलवे अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश की गई तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।
पहले भी हुआ था रेलवे को नुकसान
बताया जाता है कि इससे पहले भी कुछ ठेकेदारों ने पार्किंग ठेका लेने के बाद लाइसेंस फीस रेलवे को नहीं दी थी, जिससे रेलवे के राजस्व को भारी नुकसान हुआ। अब एक बार फिर ठेकेदार पर अफसरों की मेहरबानी के कारण सवाल उठने लगे हैं।