छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यहां बोरसी स्थित एक शासकीय स्कूल में असामाजिक तत्वों ने कथित तौर पर तंत्र विद्या का प्रयोग करते हुए स्कूल परिसर में कोयल की बलि दी। सुबह जैसे ही शिक्षक और छात्र स्कूल पहुंचे, तो यह दृश्य देखकर दहशत में आ गए।

खून से सना पक्षी और तंत्र सामग्री मिली
5 सितंबर की सुबह स्कूल खुलते ही स्टाफ रूम के सामने शिक्षकों और बच्चों ने खून से सना पक्षी, नींबू, सिंदूर और अजीबो-गरीब आकृतियों से बनी रंगोली देखी। यह देखकर सभी हैरान और भयभीत हो गए। घटना का वीडियो बनाकर शिक्षकों ने तत्काल ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (BEO) राजेश्वरी चंद्राकर को भेजा।
टोटके की काट के लिए बुलाया बैगा
घटना के बाद शिक्षकों ने बच्चों के डर को दूर करने के लिए गांव के बैगा को बुलाकर टोटके की ‘काट’ करवाई। नींबू और अगरबत्ती से पूजा-अर्चना कराई गई और इसके बाद बच्चों को समझाकर स्कूल का माहौल सामान्य करने की कोशिश की गई।
पुलिस जांच में जुटी
मामले की शिकायत पदमनाभपुर थाना में दर्ज कराई गई है। पुलिस ने घटना की गंभीरता को देखते हुए स्कूल के आसपास लगे CCTV कैमरों की फुटेज खंगालनी शुरू कर दी है। फिलहाल, तांत्रिक या इस कृत्य को अंजाम देने वाले शरारती तत्वों की पहचान नहीं हो पाई है।
शिक्षा विभाग का बयान
ब्लॉक शिक्षा अधिकारी राजेश्वरी चंद्राकर ने कहा,
“सुबह ही शरारती तत्वों ने इस घटना को अंजाम दिया है। यह सब अंधविश्वास फैलाने की कोशिश है। बच्चों और शिक्षकों को समझाया गया है और मामले की शिकायत पुलिस को दी गई है।”
इस घटना ने एक बार फिर अंधविश्वास और तंत्र विद्या के नाम पर हो रही गतिविधियों को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं।